गगरेट (ऊना)। क्षेत्र के गगरेट अस्पताल को एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) का दर्जा तो वर्षों पहले मिल चुका है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर यह अस्पताल केवल प्राथमिक उपचार के काम ही आता है।
गगरेट अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती न होने से क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए पड़ोसी राज्य पंजाब के महंगे निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। गगरेट अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ और शिशु विशेषज्ञ न होने से मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। यही नहीं गगरेट अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का स्थायी पद न होने से अल्ट्रासाउंड और एक्सरे भी मरीजों को महंगे दामों पर करवाना पड़ता है। प्रदेश में प्रवेश करने के बाद प्रदेश का यह पहला अस्पताल आता है।
गगरेट मार्ग से प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक हर वर्ष गुजरते हैं। वहीं, धार्मिक मेलों में भी लाखों की संख्या में हर वर्ष गगरेट से होकर वाहन गुजरते हैं। खासकर मैड़ी मेला और चिंतपूर्णी मेले में इस पहाड़ी मार्ग पर किसी न किसी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। किसी अनहोनी की स्थिति में गगरेट अस्पताल में मात्र प्राथमिक उपचार ही संभव है।
गगरेट अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात करने की मांग उच्चाधिकारियों से की गई है। मंजूरी मिलते ही रिक्त पदों को भरा जाएगा।
-डॉ. अंजू बहल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।
गगरेट अस्पताल में बढ़ाई जाएं सुविधाएं
स्थानीय निवासी योगेश ने कहा कि गगरेट अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाना समय की मांग है। स्वास्थ्य सुविधाएं न होने के चलते मरीजों को उपचार के लिए मजबूरन महंगे अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत
राजेंद्र पिंटु ने कहा कि गगरेट अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ और शिशु विशेषज्ञ की तैनाती बहुत आवश्यक है। विशेषज्ञ की कमी से मरीजों को पंजाब के मंहगे अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है। महंगाई के दौर में यह जेब पर भारी पड़ता है।
आपातकाल में रेफर हो रहेक मरीज
रवि ठाकुर का कहना है कि गगरेट अस्पताल को सरकार ने काफी साल पहले एफआरयू यूनिट का दर्जा तो दे दिया है, लेकिन जब कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो न अस्पताल में केवल पट्टी आदि कर मरीज को रेफर कर दिया जाता है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
नए भवन के बनने तक हो सुधार: मनीष कुमार
मनीष कुमार ने कहा कि अस्पताल के लिए जब तक नए भवन का निर्माण नहीं हो जाता तब तक पुराने भवन में ही मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए। स्त्री रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और शिशु रोग विशेषज्ञ को जल्द नियुक्त किया जाना चाहिए।