राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के नाम पर मंथन के लिए मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. बैठक के बाद जेपी नड्डा ने ऐलान किया कि झारखंड की पूर्व गवर्नर द्रौपदी मुर्मू एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी. नड्डा ने बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में करीब 20 नामों पर चर्चा हुई और आदिवासी महिला नेता मुर्मू पर मुहर लगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य बैठक में मौजूद हैं.
अगर द्रौपदी मुर्मू चुनी जाती हैं तो वो भारत के इतिहास में पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी. साथ ही अगर वो चुनाव जीतती हैं तो प्रतिभा पाटिल के बाद देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेंगी. अगर वो जीतती हैं तो ओडिशा राज्य से आने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला गवर्नर रही हैं. वो ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता रही हैं, जिन्हें किसी भारतीय राज्य में गवर्नर बनाया गया हो और जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया हो.
मुर्मू ने पार्षद पद से अपना सियासी सफर प्रारंभ किया था. वो बीजेपी-बीजेडी गठबंधन सरकार में मंत्री रही हैं. सियासत और सामाजिक जीवन में करीब दो दशक लंबा अनुभव उनके पास है. उन्होंने भुवनेश्वर के रमा देवी कॉलेज से ग्रेजुएट किया था. वो ओडिशा से दो बार विधायक रह चुकी हैं. वो बीजेपी एसटी मोर्चा की कार्यकारिणी में सदस्य रही हैं.
अगर द्रौपदी मुर्मू का जीवन बेहद संघर्षमय रहा है और उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बड़ा योगदान दिया है. वो एक बेहद गरीब आदिवासी परिवार में पैदा हुईं. लेकिन उनके अंदर समाज के उत्थान के लिए काम करने की ललक थी. उन्होंने रैरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में बिना वेतन के अध्यापन कार्य किया. उन्होंने अपना राजनीतिक करियर रैरंगपुर एनएसी के वाइस चेयरमैन के तौर पर शुरू किया. उन्हें ओडिशा विधानसभा ने वर्ष 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के तौर पर नीलकंठ अवार्ड से सम्मानित किया. उन्होंने ओडिशा सरकार में ट्रांसपोर्ट, वाणिज्य, मछलीपालन, पशुपालन जैसे कई अहम विभाग संभाले.
इससे पहले भाजपा मुख्यालय पहुंचने पर नड्डा ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया. राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया है.मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना अब तय माना जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है. 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है.
भाजपा संसदीय बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक से पहले आज पूर्वाह्न अमित शाह और राजनाथ सिंह ने नड्डा के साथ उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की थी. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सत्ताधारी राजग उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बना सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नायडू सोमवार को दिल्ली से तीन दिवसीय यात्रा पर हैदराबाद पहुंचे थे. उन्होंने मंगलवार सुबह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पर्यटन मंत्रालय द्वारा सिकंदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और योगाभ्यास भी किया. इसके बाद उन्होंने अपनी यात्रा में कटौती की और वह मंगलवार को दिल्ली लौट आए.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर भाजपा नीत एनडीए मजबूत स्थिति में है और उसे यदि बीजद या आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसकी जीत निश्चित हो जाएगी.