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वीरभद्र सिंह

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वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वीरभद्र सिंह तीसरी, चौथी, पाँचवी, सातवीं और पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य चुने गये। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 28 मई, 2009 को इस्पात मंत्री बनाए गये थे। राजनीति के अलावा वीरभद्र सिंह ने विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक निकायों के साथ भागीदारी की है। वह संस्कृत साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और सोवियत संघ के मित्र की हिमाचल प्रदेश शाखा के अध्यक्ष रहे हैं।

जीवन परिचय
वीरभद्र सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं। वे आठ बार विधायक, पाँच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और पांचवीं बार लोकसभा में बतौर सांसद रह चुके हैं और पिछले आधे दशक में वे कोई चुनाव नहीं हारे। वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1972, 1980, और 2009 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके अलावा वे 1983, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2007 तथा 2012 में विधायक रहे। अपने 47 वर्षों के राजनैतिक सफ़र के दौरान उन्होंने 13 चुनाव लड़े और सभी जीते । वह हिमाचल कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वरिष्ठता के क्रम और हिमाचल प्रदेश के अकेले सांसद होने के कारण 28 मई, 2009 को मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनने वाली केंद्र सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। ये इस्पाल मंत्री बनाए गये थे। इससे पहले भी वीरभद्र सिंह 1976 से 1977 तक केंद्र में नागरिक उड्डयन तथा पर्यटन राज्यमंत्री और 1982 से 1983 तक केंद्र में उद्योग राज्यमंत्री रहे हैं।

राजनीतिक सफर
1962 में तीसरी लोकसभा के लिए चुने गए।
1967 में चौथी लोकसभा के लिए चुने गए।
1972 में पाँचवीं लोकसभा के लिए चुने गए।
1976 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य।
दिसम्बर 1976 से मार्च 1977 तक भारत सरकार में पर्यटन और नागरिक उड्डयन के उप मंत्री बने।
1977, 1979 और 1980 में प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बने रहे।
1980 में सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए।
सितम्बर, 1982 से अप्रैल 1983 तक भारत सरकार में उद्योग मंत्री बने।
अक्टूबर 1983 और 1985 में जुब्बल – कोटखाई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। 1990, 1993, 1998, 2003 और 2007 में रोहड़ू निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।
8 अप्रैल, 1983 से 5 मार्च, 1990 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री।
दिसंबर, 1993 से 23 मार्च, 1998 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री।
मार्च 1998 से मार्च 2003 तक राज्य विधान सभा में हिमाचल प्रदेश के विपक्ष के नेता।
6 मार्च 2003 से 29 दिसंबर 2007 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री।
2009 में मंडी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश से निर्वाचित।
मई 2009 से जनवरी 2011 तक भारत सरकार में इस्पात मंत्री।
19 जनवरी 2011 से जून 2012 तक भारत सरकार में लघु और मझौले उद्यम मंत्री।
26 अगस्त 2012 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने।
शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से 20 दिसम्बर 2012 को राज्य विधान सभा के सदस्य चुने गए।
25वें दिसम्बर, 2012 को हिमाचल प्रदेश के पाँचवें मुख्य मंत्री बने।

सदस्यता
हिमाचल प्रदेश विधान सभा, 1952-1967;

केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री
मुख्य मंत्री 8 अप्रैल 1983- 5 मार्च 1990 और 3 दिसंबर 1993- 24 मार्च 1998
केन्द्रीय उप मंत्री पर्यटन और नागरिक उड्डयन 31 दिसंबर 1976- 24 मार्च 1977
केन्द्रीय उद्योग राज्य मंत्री 11 सितंबर 1982- 8 अप्रैल 1983

 

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