Home मध्य प्रदेश औषधीय पौधों की खेती करना समयानुकूल – मुख्यमंत्री श्री चौहान….

औषधीय पौधों की खेती करना समयानुकूल – मुख्यमंत्री श्री चौहान….

54
0
SHARE

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि औषधीय पौधों की खेती, किसानों के लिए लाभदायक है। बदलती वैश्विक परिस्थितियों और स्वास्थ्यगत आवश्यकताओं के परिणामस्वरूप जड़ी-बूटियों का महत्व और उनकी माँग बढ़ी है। औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित देवारण्य योजना समयानुकूल है। प्रदेश में इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त और सक्षम स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से कृषकों को चिन्हित किया जाए। किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण, क्षमता विकास और उत्पादों की बिक्री के लिए सही मार्केट लिंकेज स्थापित करने की व्यवस्था की जाए। आयुर्वेदिक उत्पादों से जुड़ी कम्पनियों की माँग के अनुसार प्रदेश में औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित करें। किसानों को भी प्र-संस्करण प्रक्रिया से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय पर देवारण्य योजना की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण श्री जे.एन. कंसोटिया, प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री उमाकांत उमराव, प्रमुख सचिव आयुष श्री प्रतीक हजेला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव कृषि श्री अजीत केसरी बैठक में वर्चुअली सम्मिलित हुए। देवारण्य योजना का क्रियान्वयन वन विभाग के साथ कृषि, उद्यानिकी, आयुष और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है।

जानकारी दी गई कि प्रारंभिक रूप से योजना का क्रियान्वयन अनूपपुर, नर्मदापुरम, सतना, झाबुआ, डिण्डौरी, बैतूल और सीहोर में किया जा रहा है। अनूपपुर में लेमनग्रास और पॉमारोज़ा, नर्मदापुरम में शतावरी, स्टीविया, मोरिंगा, टुकुमारी और लेमनग्रास से संबंधित परियोजनाओं के क्रियान्वयन की योजना है। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रदेश के 21 विकासखंड के 132 स्व-सहायता समूहों द्वारा औषधीय पौधों की फसल ली जा रही है। धार, झाबुआ, मंडला, अनूपपुर, उमरिया, सीहोर, अलीराजपुर और श्योपुर में आँवला, सुरजना, अश्वगंधा, सफेद मूसली, इसबगोल और स्टीविया की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

औषधीय पौधों की मार्केट लिंकेज के लिए डाबर, महर्षि आयुर्वेद, ओमनी एक्टिव, बोटेनिक हेल्थ, नेचुरल रिमेडिस, सिपला और इमामी जैसी कम्पनियों से सम्पर्क किया गया है। कृषकों के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान केन्द्रों से उच्च गुणवत्ता के पौधे तैयार करने, फेसिलिटेशन केन्द्र से बीज और उत्पाद टेस्टिंग की व्यवस्था तथा पौधों की खेती, औषधियों के विदोहन, प्र-संस्करण, भंडारण, पेकेजिंग और विपणन का प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here