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महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट : शिवसेना की मांग पर डिप्टी स्पीकर ने बागी 16 MLA को भेजा नोटिस, दो दिन में मांगा जवाब….

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महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शनिवार को विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है. डिप्टी स्पीकर ने इन विधायकों से अगले दो दिनों में जवाब देने को कहा है. बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट ने इन 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर डिप्टी स्पीकर एक याचिका दी थी. इसी याचिका पर कार्रवाई करते हुए डिप्टी स्पीकर ने इन विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किया है. खास बात ये है कि शिवसेना ने जिन बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है उनमें एकनाथ शिंदे का नाम भी शामिल हैं. 

महाराष्ट्र के पूर्व एडवोकेट जनरल श्रीहरी अणे ने कहा कि बागी विधायकों को अयोग्य साबित करने की प्रक्रिया कानूनी बहस पर आधारित होगी. बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने से पहले डिप्टी स्पीकर को उन्हें एक बार सुनना होगा. अगर इस पूरी प्रक्रिया को करने में संवैधानिक तंत्र विफल होता दिखता है तब ही राज्य के गवर्नर इस मामले में दखल दें सकते हैं. हालांकि अभी तक महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसी स्थिति नहीं आई है. 

ध्यान हो कि एकनाथ शिंदे की बढ़ती ताकत के बीच सीएम उद्धव ठाकरे के पास बेहद सीमित विकल्प बचे थे. 12 के बाद शिवसेना ने अब 4 और विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का मसौदा तैयार किया था. डिप्टी स्पीकर के विधान भवन पहुंचने पर ये आवेदन दिया गया था. जिन विधायकों के खिलाफ आवेदन का मसौदा तैयार किया गया है उनमें शामिल हैं सदा सरवणकर, प्रकाश आबिटकर, संजय रयमुलकर और रमेश बोरनारे. एक बार जब यह याचिका स्वीकार कर ली जाती है तो कुल विधायकों की संख्या 16 हो जाएगी, जिनके खिलाफ अयोग्यता दायर हुई है.

ऐसे में 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी दी गई थी.शिवसेना (Shiv Sena) में उद्धव ठाकरे गुट ने पार्टी के 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग करते हुए ये याचिका दी थी. इसमें बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे और भरत गोगावाले का भी नाम है. NDTV से बात करते हुए अरविंद सावंत ने कहा था कि गुरुवार दोपहर को हमने 12 विधायको की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. एनसीपी की बैठक थी इसलिए नरहरि झिरवाल (डिप्टी स्पीकर) आए नहीं थे. उन्होंने कहा कि यह 44 पन्नों की अर्जी है, इसलिए समय लगा. कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. पार्टी की ओर से व्हिप जारी करने के बावजूद वो मीटिंग में नहीं आए, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जाए. हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया गया है.

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