सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात एटीएस की टीम ने हिरासत में ले लिया है। उन्हें मुंबई के सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में पेश करने के बाद एटीएस अहमदाबाद लेकर रवाना हो चुकी है। सीतलवाड़ के खिलाफ एटीएस का ऐक्शन ऐसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद आया है जब एक दिन पहले गुजरात दंगा 2002 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका खारिज की और तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की जांच की और जरूरत बताई थी। इसके बाद शनिवार सुबह ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि सीतलवाड़ ने अपने एनजीओ की मदद से गुजरात दंगों के बारे में आधारहीन जानकारी दी। इस लेख में हम जानेंगे कि तीस्ता सीतलवाड़ कौन हैं, जिनके नाम की चर्चा अचानक शुरू हो गई है।
तीस्ता सीतलवाड़ को एटीएस द्वारा हिरासत में लेने का मामला उस घटना से संबंधित है जिसे 2002 में हुई गुजरात के गुलबर्ग सोसाइटी की घटना के रूप में जाना जाता है। जिसमें एक ट्रेन के डिब्बे में आग लगने से कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 लोग मारे गए थे। इस घटना के एक दशक बाद 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट ने गुलबर्ग सोसाइटी मामले में “अभियोजन योग्य सबूत नहीं” का हवाला देते हुए नरेंद्र मोदी समेत कई राजनेताओं और अधिकारियों को दोषमुक्त कर दिया था। जिसके खिलाफ एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी।
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़?
तीस्ता सीतलवाड़ सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) नामक एनजीओ की सचिव हैं, जो 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों की वकालत करने के लिए बनाई गई एक संस्था है। सीजेपी सह-याचिकाकर्ता है जो 2002 के गुजरात दंगों में कथित संलिप्तता के लिए नरेंद्र मोदी और कई अन्य राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग कर रही है।
24 जून 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले में नरेंद्र मोदी को दी गई एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने याचिकाकर्ता जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण “गलत उद्देश्यों” के लिए किया। इसलिए उनके खिलाफ और जांच की जरूरत है।
तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 2007 से बड़े पैमाने पर धन संग्रह अभियान शुरू करके दंगा पीड़ितों के नाम पर 6 करोड़ रुपये से 7 करोड़ रुपये तक की धनराशि एकत्र करके धोखाधड़ी को अंजाम दिया। अदालत में यह आरोप लगाया गया था कि दान के माध्यम से जुटाए गए इन फंडों को युगल द्वारा शराब और विशिष्ट उपभोग के अन्य लेखों पर खर्च किया।
तीस्ता के खिलाफ एक और आरोप यह है कि उन्होंने विदेशी मुद्रा कानूनों का उल्लंघन किया और 2009 में यूएस-आधारित फोर्ड फाउंडेशन द्वारा अपने एनजीओ को दान किए गए धन का दुरुपयोग किया।
गौरतलब है कि गुजरात एटीएस ने तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मुंबई स्थित सांताक्रूज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें उन पर आईपीसी की धारा 468 और 471 के तहत जालसाजी का आरोप लगाया गया है। एटीएस अधिकारी जैस्मीन रोजिया ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ को सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें अहमदाबाद शहर के पुलिस थाने ले जाया जाएगा। एटीएस अधिकारी के मुताबिक, उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, केवल हिरासत में लिया गया है।