राजकीय प्राथमिक पाठशाला लोअर नारी को भी अब ग्रांट यानी सरकारी सहायता मिल पाएगी। यह शिक्षक सत्येंद्र मिन्हास के प्रयासों से संभव हो पा रहा है। सत्येंद्र स्कूल के नाम जमीन करवाने के लिए प्रयासरत हैं। अब तक वह करीब आठ जमीन मालिकों से संपर्क साधकर जमीन स्कूल के नाम करवा चुके हैं।
अभी भी 20 लोगों से जमीन स्कूल के नाम करवाना बाकी है। सत्येंद्र मिन्हास इन लोगों से संपर्क साध रहे हैं। 10 लोग स्थानीय हैं और 10 बाहरी राज्यों में रहते हैं। इनसे संपर्क कर जमीन स्कूल के नाम करवाने का काम इन दिनों चल रहा है। लोअर नारी स्कूल 1999 में अस्तित्व में आया था, लेकिन अभी तक स्कूल के नाम कोई भी जमीन नहीं है। इस कारण सरकारी तौर पर आने वाली कोई भी ग्रांट स्कूल को नहीं मिल पाती है।
इस कारण स्कूल का विकास रुका पड़ा है। वर्तमान भवन पंचायत के सहयोग से बना हुआ है। नारी अपर राजकीय प्राथमिक पाठशाला में बतौर केंद्र मुख्य शिक्षक सेवाएं दे रहे सत्येंद्र मिन्हास के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने छुट्टियों के बीच यह अभियान छेड़ दिया। सत्येंद्र मिन्हास ने प्रण लिया है कि वह अपने खर्च पर ही यह सारा काम करवाएंगे। वह बाहरी राज्यों से जमीन मालिकों को नारी लाकर जमीन स्कूल के नाम करवाने के लिए प्रयासरत हैं।
स्कूल के लिए कुल दो कनाल जमीन की आवश्यकता है। वर्तमान स्कूल भवन वाली जमीन स्कूल के नाम करवा दी गई है, जबकि खेल मैदान के लिए करीब एक कनाल जमीन नाम करवाने का प्रयास चल रहा है। इसमें करीब 20 लोग हिस्सेदार बताए जा रहे हैं। वर्तमान में लोअर नारी प्राथमिक स्कूल में 19 बच्चे अध्ययनरत हैं। यहां सुविधाएं बढ़ने पर संख्या बढ़ सकती है।
इस संबंध में सत्येंद्र धीमान ने बताया कि उनके क्षेत्राधिकार के तहत आने वाले स्कूल के लिए सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। स्कूल के नाम पूरी जमीन होने पर स्कूल का विकास संभव होगा। वहीं, ग्राम पंचायत प्रधान राम कुमार ने बताया कि सत्येंद्र के प्रयास से सब कुछ हो रहा है। उम्मीद है कि जल्द स्कूल के नाम पूरी जमीन होगी।
इन लोगों ने की जमीन दान
नारी क्षेत्र के श्रवण सिंह, नसीब सिंह, चंचल सिंह, तारा सिंह, प्रहलाद चंद, रक्षा देवी, पुष्पेंद्र सिंह और कांता देवी ने जमीन दान की है। अन्य जमीन मालिकों से भी स्कूल के लिए दान देने के लिए बात चल रही है।