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प्रियंका चोपड़ा

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प्रियंका चोपड़ा हिन्दी फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में से एक हैं, जिनमें अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। उन्होंने एक सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और चार श्रेणियों में फ़िल्मफेयर पुरस्कार सहित कई और अन्य पुरस्कार और नामांकन प्राप्त किये है। वे ‘मिस वर्ल्ड 2000’ की विजेता भी रहीं। इस सम्मान को प्राप्त करने वाली वह पाँचवीं भारतीय महिला हैं।

जीवन परिचय
प्रियंका चोपड़ा का जन्म 18 जुलाई, 1982 को झारखंड राज्य के जमशेदपुर में हुआ था। उनके पिता अशोक चोपड़ा और मां मधु दोनों भारतीय आर्मी में चिकित्‍सक है। उनका एक छोटा भाई भी है जिसका नाम सिद्धार्थ है।[1] प्रियंका का बचपन कई शहरों में बीता। इनकी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ, उत्तर प्रदेश के ‘ला मरटीनियर गर्ल्स कॉलेज'[2] से पूरी हुई। प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण होने के बाद उन्होंने मुंबई के ‘जय हिंद कॉलेज'[3] में पढ़ाई की। मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने के बाद उन्होंने कॉलेज बीच में ही छोड़ दिया।

मिस वर्ल्ड का सफर
प्रियंका चोपड़ा की माँ ने उनकी कुछ फोटो मिस इंडिया प्रतियोगिता के लिए भेज दी और उसके बाद प्रियंका को शो में भाग लेने का मौका भी मिला। यह सब प्रियंका के लिए बड़ा आश्चर्यजनक था। अपनी पढ़ाई से समय निकालकर उन्होंने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। वर्ष 2000 में उन्होंने फेमिना मिस इंडिया[4] में दूसरा पायदान हासिल किया। दूसरे स्थान के लिए प्रियंका चोपड़ा को ‘मिस इंडिया वर्ल्‍ड’ का ताज पहनाया गया। फिर इन्होनें ‘मिस वर्ल्‍ड’ प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्‍व कर ‘मिस वर्ल्‍ड-2000’[5] का खिताब जीता। वर्ष 2009 में उन्हें मिस वर्ल्ड के लिए जज के तौर पर बुलाया गया था।[6]

फ़िल्मी सफ़र
वर्ष 2002 में प्रियंका चोपड़ा ने अपने सिने कैरियर की शुरुआत तमिल फ़िल्म ‘थमिज़न’ से की। इनकी पहली हिन्दी फ़िल्म “द हीरो” थी। उन्हें फ़िल्म “अदांज” के लिए पहला फ़िल्मफेयर अवार्ड मिला था। अंदाज के लिए उन्हें फिल्‍मफेयर नवोदित अभिनेत्री’ का भी पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद उनकी काफ़ी फ़िल्में आईं लेकिन बॉक्स ऑफिस पर कोई खास छाप नहीं छोड़ सकीं। लेकिन असफलता के इस दौर में भी उन्होंने मेहनत से मुंह नहीं मोड़ा और जल्द ही परिणाम देखने को भी मिला। डेविड धवन की फ़िल्म “मुझसे शादी करोगी” के साथ प्रियंका की सफलता की गाड़ी फिर चल पड़ी। इसके बाद आई फ़िल्म “ऐतराज़” के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर बेस्ट फीमेल विलेन का अवार्ड भी मिला।

वर्ष 2008 में उनकी छह फ़िल्में आईं जिनमें से शुरुआती पांच तो फ्लॉप साबित हुईं लेकिन छठी फ़िल्म मधुर भंडारकर की “फैशन” ने एक बार फिर प्रियंका के सफर में टर्निग प्वाइंट की तरह काम किया। “फैशन” ने प्रियंका चोपड़ा के कॅरियर को नई राह दिखाई। कल तक एक नई हिरोइन का तमंगा संभाले प्रियंका “फैशन” के बाद बॉलिवुड की सफल हिरोइनों में गिनी जाने लगीं। “फैशन” के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर बेस्ट हिरोइन का अवार्ड भी मिला। “दोस्ताना” में भी उनका अभिनय काबिलेतारीफ था। फ़िल्म “कमीने” में भी प्रियंका के अभिनय की सबने सराहना की।

2011 में आई फ़िल्म “सात खून माफ” यूं तो बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा नहीं चली पर इस फ़िल्म में प्रियंका चोपड़ा ने जिस तरह की अदाकारी की उसने सबका मन मोह लिया। 2012 में आयी बर्फी जैसी फ़िल्मों में अभिनय से आगे व्यावसायिक सफलता हासिल की! और सुपरहीरो विज्ञान कथा फ़िल्म क्रिश 3 (2013), जो सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्मों के बीच रैंक हासिल की।

सम्मान और पुरस्कार
अपने सिने कॅरियर में प्रियंका चोपड़ा ने कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त किये हैं, जैसे-वर्ष 2000 में प्रियंका चोपड़ा ने ‘मिस वर्ल्ड का खिताब’ जीता।फ़िल्म “अंदाज” के लिए प्रियंका चोपड़ा को ‘फ़िल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू अवार्ड’ से नवाजा गया।
‘फ़िल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेव्यूट’ का पुरस्कार मिला। फ़िल्म “एतराज” के लिए ‘फ़िल्मफेयर बेस्ट फीमेल विलेन’का अवार्ड मिला। फ़िल्म “फैशन” के लिए प्रियंका चोपड़ा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए ‘राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार’ मिला छोटे पर्दे पर सक्रियता प्रियंका चोपड़ा फ़िल्मों के साथ-साथ छोटे पर्दे पर भी सक्रिय हैं। टीवी शो ‘खतरों के खिलाड़ी लेवल 3’ की वह होस्ट रह चुकी हैं। अपने ग्लैमरस अंदाज और शरारती मुस्कराहट की वजह से वह फ़िल्मकारों की पंसदीदा बन चुकी हैं। एक छोटे से शहर से बॉलीवुड के आकाश तक की इस कहानी में कई मोड़ आए पर प्रियंका ने हर मुसीबत का सामना कर सफलता की तरफ कदम बढ़ाए।

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