इस साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध अब तक के सबसे मज़बूत दौर में हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारत विश्व मंच पर अपनी सही जगह को सुरक्षित कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर रवाना हुए हैं. ये उनका अमेरिका का पहला अधिकारिक राजकीय दौरा है. इस दौरे से पहले मोदी ने अख़बार से भारत की विदेश नीति को लेकर बात की.
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के साथ बढ़ रहे रक्षा सहयोग को दोनों देशों के बीच मज़बूत हो रहे संबंधों का आधार स्तंभ बताया है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका का सहयोग कारोबार, तकनीक और ऊर्जा क्षेत्र में भी है.
मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान कई अहम सौदे भी कर सकते हैं. भारत जेट-लड़ाकू विमानों के इंजन भारत में निर्मित करने का सौदा भी कर सकता है. भारत अमेरिका से ऊंचाई पर उड़ने वाले प्रीडेटर ड्रोन की ख़रीद भी कर सकता है.
रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों को नज़रअंदाज़ कर भारत ने रूस से सस्ती दर पर बड़ी मात्रा में तेल ख़रीदा है.
बावजूद इसके अमेरिका भारत के साथ संबंधों को मज़बूत कर रहा है क्योंकि अमेरिका को उम्मीद है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ रहे चीन के प्रभाव की काट भारत हो सकता है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए साक्षात्कार में नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत विश्व राजनीति में भूमिका निभा रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का समय आ गया है.
अख़बार के मुताबिक साक्षात्कार के दौरान नरेंद्र मोदी ने भारत को ग्लोबल साउथ के नेता के रूप में पेश किया और कहा कि भारत विकासशील देशों को लंबे समय से नज़रअंदाज़ की जा रही उम्मीदों की आवाज़ बन सकता है.
मोदी ने कहा, “भारत एक उच्च, व्यापक और बड़ी भूमिका का हक़दार है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थानों में बदलाव की मांग भी की और कहा कि इन संस्थानों को बहुध्रुवीय हो रही दुनिया के हिसाब से ख़ुद को बदलना चाहिए ताकि ये दुनिया के कम-प्रभावशाली देशों की, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से लेकर क़र्ज़ में कटौती तक जैसी, प्राथमिकताओं का भी व्यापक प्रतिनिधित्व कर सकें