मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ओक ओवर, शिमला में बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से जिला कांगड़ा के डगवार में लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसके संचालन से लेकर विपणन संबंधी गतिविधियों के लिए एनडीडीबी की सहायता ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डगवार दुग्ध संयंत्र की क्षमता एक लाख लीटर से तीन लाख लीटर तक होगी, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले दूध के उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रतिज्ञापत्र में किसानों से गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर खरीदने का वायदा किया है और राज्य सरकार इस वायदे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में डेयरी आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है।उन्होंने कहा कि डगवार में प्लांट की स्थापना से कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना और चंबा जिलों के दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि एनडीडीबी द्वारा इन क्षेत्रों में दुग्ध संग्रहण प्रणाली के लिए एक सर्वेक्षण करवाया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दुग्ध उत्पादों की पैकेजिंग में प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए संकल्पित है, इसलिए प्रदेश सरकार प्लास्टिक के विकल्प भी तलाश कर रही है, जिससे राज्य की जलवायु और हवा को प्लास्टिक के हानिकारक तत्वों से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और पशुपालन और कृषि एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है, जिसके लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना जरूरी है।बैठक में एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि इस मिशन के लिए हिमाचल प्रदेश को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। एनडीडीबी संयंत्र के संचालन और दुग्ध उत्पादों के विपणन के लिए अपने खर्च पर दो सलाहकार भी उपलब्ध करवाएगा। बैठक में कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार और आशीष बुटेल, हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, सचिव कृषि राकेश कंवर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।