हिमाचल के जनजातीय जिला किन्नौर के चिन्नी गांव में रहने वाले श्याम शरण नेगी सौ साल के हो चुके हैं। श्याम शरण की तबीयत इन दिनों नासाज चल रही है, लेकिन उन्होंने मजबूत इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए वोट डालने का निश्चय किया था। पोलिंग बूथ पर पहुंचे श्याम शरण नेगी का फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया।
एडीएम कल्पा डॉ. अवनिंद्र कुमार ने उनका स्वागत किया। निवार्चन अधिकारी और किन्नौर के डीसी एनके लट्ठ ने नेगी के पोलिंग बूथ तक पहुंचने का सारे इंतजाम किए थे। इसके लिए एक खास टीम का गठन किया गया था। वोट डालने पहुंचे श्याम शरण नेगी ने एक बार फिर से वोट डालने का अवसर मिलने पर खुशी जताई। पोलिंग बूथ पर मौजूद चुनाव टीम भी देश के पहले वोटर को एक दफा और वोट डालते देख खुश थी। श्याम शरण नेगी के साथ उनके परिजन भी आए थे। नेगी ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूती के लिए वोट डालना जरूरी है। सभी को इस अधिकार का प्रयोग करना चाहिए।
आपको बता दें कि श्याम शरण निर्वाचन आयोग के ब्रांड एंबेस्डर भी हैं। वे अभी तक विभिन्न चुनावों में कुल 28 दफा वोट डाल चुके हैं। जून 1917 को जन्में श्याम शरण नेगी को देश के पहले वोटर बनने का गौरव हासिल है। सेहत ठीक होने के दौरान कुछ दिन पूर्व श्याम शरण नेगी ने देश के मतदाताओं से अपने संदेश में कहा कि सोच-समझ कर वोट करना चाहिए।
आजाद भारत में आम चुनाव 1952 में हुए थे। देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि देश के जनजातीय जिला भी मतदान में हिस्सा ले। चूंकि जनजातीय जिले बर्फ से ढक जाते हैं, लिहाजा वहां देश के अन्य हिस्सों से पहले वोटिंग करवाना तय किया गया।
सबसे पहले मतदान का गौरव हिमाचल के किन्नौर जनजातीय इलाके को मिला। श्याम शरण नेगी प्रीजाइडिंग ऑफिसर बनाए गए। 25 अक्टूबर 1951 को मतदान तय हुआ। कड़ाके की सर्दी थी और मतदान के लिए पहले कोई उपलब्ध नहीं था। ऐसे में श्याम शरण ने खुद ही पहला वोट डाला। उसके बाद वे पूरे इलाके में कम से कम 20 दिन तक घूमे।