Home Bhopal Special भोपाल गैंगरेप: मामले में पुलिस के बाद अब डॉक्टर्स की लापरवाही...

भोपाल गैंगरेप: मामले में पुलिस के बाद अब डॉक्टर्स की लापरवाही भी सामने आई है….

21
0
SHARE

भोपाल गैंगरेप केस में पुलिस के बाद अब सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टरों का गैरजिम्मेदाराना रवैया भी सामने आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्टिम का मेडिकल कराया गया। इसकी रिपोर्ट में कहा गया कि ये रेप नहीं था। विक्टिम ने सहमति से संबंध बनाए थे। जैसे ही यह रिपोर्ट मीडिया में लीक हुई। हंगामा हो गया। पहली रिपोर्ट को गायब कर दिया गया। विक्टिम की फिर जांच हुई और नई रिपोर्ट तैयार की गई। बता दें कि 31 अक्टूबर की शाम कोचिंग से लौटते वक्त स्टूडेंट से 4 लोगों ने रेप किया था। 24 घंटे बाद केस दर्ज हुआ। आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पांच पुलिस अफसरों को सस्पेंड किया गया था। लापरवाही करने वाले डॉक्टर्स से कमिश्नर ने जवाब मांगा है।

न्यूज एजेंसी से बातचीत में सुल्तानिया लेडी हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर करन पीपरे ने मेडिकल रिपोर्ट में गलती की बात मानी। पीपरे ने कहा कि एक नए डॉक्टर की वजह से यह गलती हुई थी। सुधार के बाद रिपोर्ट फिर जारी की गई।पब्लिक हैल्थ और फैमिली वेलफेयर कमिश्नर सेक्रेटरी अजातशत्रु श्रीवास्तव ने इस बारे में संबंधित डॉक्टर्स को नोटिस जारी कर पूछा है कि इतने गंभीर मामले में इस तरह की लापरवाही कैसे हुई।

 नवंबर को विक्टिम का मेडिकल सुल्तानिया हॉस्पिटल में कराया गया। जिस जूनियर डॉक्टर ने मेडिकल किया उसने रिपोर्ट में लिखा कि लड़की के साथ रेप नहीं हुआ बल्कि उसने सहमति से संबंध बनाए। ये रिपोर्ट लीक होने के बाद हंगामा खड़ा हो गया। इसके बाद, दूसरे डॉक्टर ने मेडिकल किया। उसने नई रिपोर्ट में गैंगरेप होने की पुष्टि की। रिपोर्ट में लिखा गया कि विक्टिम के साथ 6 बार जबरन संबध बनाए गए।
डेढ़ घंटे बाद मिली रिपोर्ट, वो भी गलत
31 अक्टूबर : शाम 07.00 बजे हुआ गैंगरेप।
01 नवंबर:शाम 06.00 बजे हबीबगंज जीआरपी थाने में केस दर्ज
01 नवंबर :शाम 07.30 बजे विक्टिम का मेडिकल हुआ।
01 नवंबर : रात 8.30 बजे इमिजिएट रिपोर्ट दी गई। इसमें with her consent लिखा था। रेप हुआ था इसलिए without her consent लिखा जाना चाहिए था।
02 नवंबर:डॉक्टर्स ने अपडेट रिपोर्ट जारी की।
05 नवंबर:फाइनल रिपोर्ट आई। इसमें साफ कहा गया कि विक्टिम से गैंगरेप हुआ।
06 नंवबर:आरोपियों और छात्रा के कपड़े जब्त किए गए।
07 नवंबर:कपड़े और ब्लड सैंपल फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया।
सीनियर डॉक्टर्स की मानें तो रेप के मामले में मेडिकल रिपोर्ट काफी अहम होती है। इससे ही पता लगता है कि रेप हुआ या नहीं। विक्टिम को कितनी चोट लगी। उसकी दिमागी हालत को भी जानने की कोशिश की जाती है। सुल्तानिया के डॉक्टरों ने इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया।

क्या है भोपाल गैंगरेप केस ?

– घटना 31 अक्टूबर शाम की है। कोचिंग सेंटर से लौट रही 19 साल की लड़की को चार बदमाशों ने स्टेशन के पास रोका। झाड़ियों में ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया। घटनास्थल से आरपीएफ चौकी (रेलवे पुलिस फोर्स) सिर्फ 100 मीटर दूर है।
– आरोपियों ने विक्टिम का मोबाइल फोन और कुछ जूलरी भी लूटी। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों को लगा कि लड़की की मौत हो गई है तो वो उसे छोड़कर भाग गए। होश आने पर विक्टिम आरपीएफ थाने पहुंची। वहां से उसने पिता को घटना के बारे में जानकारी दी। उसके पिता आरपीएफ में एएसआई हैं।
– पुलिस कार्रवाई में लापरवाही बरतने पर तीन थानों के प्रभारी, दो सब इंस्पेक्टर सस्पेंड हो चुके हैं। भोपाल के एक सीएसपी, जीआरपी एसपी और भोपाल आईजी को हटाया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here