भोपाल.यहां कोचिंग से लौट रही स्टूडेंट से हुए गैंगरेप के मामले में गलत मेडिकल रिपोर्ट लिखने की वजह से सुल्तानिया लेडी हॉस्पिटल की दो जूनियर डॉक्टर्स को सस्पेंड कर दिया गया। एक असिस्टेंट प्रोफेसर को शोकॉज नोटिस दिया गया है। बता दें कि आरोपी डॉक्टर ने रिपोर्ट में लिख दिया था कि लड़की से संबंध सहमति से बनाए गए थे। उधर, इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी और डीजीपी को नोटिस जारी किया है।
गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के डीन डॉ. एमसी सोनगरा ने बताया कि विक्टिम जब अस्पताल लाई गई थी, उस वक्त कैजुअल्टी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुरभि पोरवाल ड्यूटी पर थीं। उनके साथ जूनियर डॉक्टर खुशबू और सीनियर रेसीडेंट डॉ. संयोगिता सेहलम थीं।
सोनगरा ने कहा कि जांच डॉ. खुशबू ने की। जबकि, यह डॉ. सुरभि और डॉ. संयोगिता को करनी थी। डॉ. खुशबू को जांच के नोट लिखने थे, जिसके आधार पर फाइनल रिपोर्ट बनती। रिपोर्ट की जांच भी डॉ. सेहलम और डॉ. पोरवाल को करनी थी, जिसे दोनों ही डॉक्टर्स ने नहीं जांचा।
1 नवंबर को विक्टिम का मेडिकल सुल्तानिया हॉस्पिटल में कराया गया। जिस जूनियर डॉक्टर ने मेडिकल किया उसने रिपोर्ट में लिखा कि लड़की के साथ रेप नहीं हुआ, बल्कि उसने सहमति से संबंध बनाए। ये रिपोर्ट लीक होने के बाद हंगामा खड़ा हो गया।इसके बाद, दूसरे डॉक्टर ने मेडिकल किया। उसने नई रिपोर्ट में गैंगरेप होने की पुष्टि की। रिपोर्ट में लिखा गया कि विक्टिम के साथ 6 बार जबरन संबध बनाए गए थे।
कोचिंग स्टूडेंट से गैंगरेप में एफआईआर में देरी के लिए अफसरों ने हबीबगंज टीआई रवींद्र यादव को जिम्मेदार माना है। शोकॉज नोटिस में पूछा गया है कि जीरो एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की? जबकि, दो अफसर मौका-ए-वारदात पर थे।
एसआईटी भी जांच कर रही है कि देरी के लिए कौन अफसर जिम्मेदार हैं। एसआईटी ने हबीबगंज टीआई यादव, एमपी नगर टीआई संजय सिंह बैस, एमपी नगर थाने के एसआई रामनाथ टेकाम समेत विक्टिम के बयान लिए।
दूसरी ओर, एसआईटी ने एक एडीजी समेत तीन अफसरों की कॉल डिटेल्स निकाली हैं, ताकि पता चल सके कि यादव ने किस अफसर को कब सूचना दी थी।
एसआईटी चीफ डीआईजी सुधीर लाड का कहना है कि मंगलवार को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
घटना 31 अक्टूबर शाम की है। कोचिंग सेंटर से लौट रही 19 साल की लड़की को 4 बदमाशों हबीबगंज रेलवे स्टेशन के आउटर पर रोका। उसके साथ मारपीट और लूटपाट के बाद करीब की झाड़ियों में ले जाकर गैंगरेप किया। घटनास्थल से आरपीएफ चौकी (रेलवे पुलिस फोर्स) सिर्फ 100 मीटर दूर है।आरोपियों ने विक्टिम का मोबाइल फोन और कुछ जूलरी भी लूटी। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों को लगा कि लड़की की मौत हो गई है तो वो उसे छोड़कर भाग गए। होश आने पर विक्टिम आरपीएफ थाने पहुंची। वहां से उसने पिता को घटना के बारे में जानकारी दी। उसके पिता आरपीएफ में ही हैं।