रेयान इंटरनेशनल स्कूल में आठ सितंबर को हुई प्रद्युम्न की हत्या के मामले में 16 साल के छात्र की गिरफ्तारी के बाद अब केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की टीम गुरुग्राम के चार पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच कर रही है. इन चार पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने प्रद्युम्न की हत्या के मामले में स्कूल बस कंडक्टर को अपराध में फंसाने के लिए झूठे साक्ष्य गढ़े थे.
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान पता चला कि गुरुग्राम पुलिस ने सबूतों को गलत तरीके से तोड़ मरोड़ कर पेश किया. इन साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने सात साल के प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या का आरोपी बस कंडक्टर अशोक को बताया.
आपको बता दें कि सीबीआई ने इस मामले को आठ सेकेंड की सीसीटीवी फुटेज से सुलझाने का दावा किया था जिसकी जांच में गुरुग्राम पुलिस से बड़ी चूक हुई थी. सूत्रों के अनुसार, इस सीसीटीवी फुटेज में आरोपी छात्र प्रद्युम्न को बुलाता और उसके पास जाता हुआ दिख रहा था.
गौरतलब है कि सीबीआई ने अपनी जांच में 11वीं कक्षा के छात्र को प्रद्युम्न मर्डर केस का मुख्य आरोपी माना है.