अगर शिक्षक ठान लें तो सरकारी स्कूलों को उत्कृष्ट शिक्षा का सर्वसुविधायुक्त केन्द्र बना सकते हैं। देवास जिले के विकासखण्ड बागली के ग्राम छतरपुरा के शासकीय माध्यमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक श्री हेमंत शिवहरे, शिक्षक श्री सत्यनारायण भाटी तथा श्री सुनील पाटीदार और सरपंच श्री मुकेश बामनिया ने यह कर दिखाया है। यह स्कूल गांव में दो बीघा जमीन पर स्थित है। यहां बच्चों के लिये हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसका भव्य भवन और यहां उपलब्ध सुविधायें प्राइवेट स्कूल को भी मात देती हैं।
इस स्कूल में जन-सहयोग से बहुत सुन्दर पार्क विकसित किया गया है। विद्यार्थियों के लिए खेलकूद की सभी आवश्यक सामग्रियां आसानी से सुलभ हैं और सुव्यवस्थित खेल मैदान भी है। स्कूल भवन को संवारने की जिम्मेदारी इसी विद्यालय के पूर्व शिक्षक श्री तेरसिंह देवड़ा ने ली है। गांव के सरपंच ने पंचायत निधि से विद्यालय परिसर में पेवर्स ब्लाक्स लगावाकर आवागमन के रास्तों और खेलकूद परिसर को सुन्दर बनवाया है। यह स्कूल अनुशासन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जागरण का जीता-जागता प्रमाण बन गया है।
ग्राम छतरपुरा के शासकीय माध्यमिक स्कूल में विद्यार्थियों के लिये सर्वसुविधायुक्त जिम है जहां विद्यार्थी नियमित रूप से व्यायाम करते हैं। सुव्यवस्थित पुस्तकालय है जिसका भरपूर उपयोग करते हैं विद्यार्थी। विज्ञान की अत्याधुनिक प्रयोगशाला है और सुन्दर बागीचा भी। साथ ही बच्चों के लिए शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था आरओ के माध्यम से की गई है। स्कूल में बच्चे उत्साह के साथ रोजाना आते हैं, पढ़ते हैं, खेलते हैं।
उत्कृष्ट शिक्षा केन्द्र की मिसाल बन चुके ग्राम छतरपुरा के शासकीय माध्यमिक स्कूल के 20 विद्यार्थी यहां से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण कर चार्टर्टड एकाउंटेन्सी (सी.ए.) की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। इसी तरह, इस स्कूल के 8 विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में एम.बी.बी.एस. की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कई विद्यार्थी तो इस स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों से डिग्री लेकर मुम्बई, दिल्ली, बैंगलुरु और पुणे आदि महानगरों में प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे हैं।