प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि प्रदोष व्रत रखने से दो गायों के दान करने जितना पुण्य मिलता है। इस बार 15 नवंबर बुधवार को प्रदोष व्रत होने से बुध प्रदोष का योग बन रहा है। इसके अगले दिन शिव चतुर्दशी का व्रत किया जाएगा। दोनों ही दिन भगवान शिव का अशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता हैं। अगर आप इस दिन कुछ उपाय करते हैं तो आपको इसका पूरा फल मिलता है।
इस दिन शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति गाय के घी से शिवलिंग का अभिषेक करे, इससे कमजोरी दूर हो जाती है।
जीवन में सभी सुख प्राप्त करना हैं तो शिव जी का अभिषेक गन्ने के रस से करें।
शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।