राज्य सरकार की ओर से गठित ‘सिटीजंस एडवाइजरी कमेटी’ के पूर्व सदस्य सुकेश खजूरिया ने कल जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर ‘‘पीओके को पाकिस्तान का हिस्सा मानने’’ के लिए दोनों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 196 के तहत कार्रवाई की मांग की थी।
उन्होंने याचिका में कहा है कि दोनों के खिलाफ आरपीसी की धारा 124-ए (देशद्रोह) और कानून के दूसरे प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाए। गौरतलब है कि गत 11 नवंबर को फारुक ने संवाददाताओं से कहा था कि पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है और भारत एवं पाकिस्तान चाहे कितने भी युद्ध क्यों ना कर लें, ‘‘यह बदलने वाला नहीं है।’’
खजूरिया ने अपनी शिकायत में कहा कि कपूर ने अब्दुल्ला का समर्थन करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘जम्मू-कश्मीर हमारा (भारत का) है और पीओके पाकिस्तान का। हम इसी तरह से अपनी समस्या का हल कर सकते हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला का बयान और कपूर के ट्वीट ‘‘हिंसा भड़काने’’ और ‘‘सार्वजनिक व्यवस्था’’ प्रभावित करने वाले हैं और आरपीसी की धारा 124-ए के घेरे में आते हैं।