ग्राम धमनई जिला बड़वानी की 65 वर्षीय बेवा कुसमा बाई कनौजे का पक्का घर का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना से पूरा हो गया है। अब उनकी इच्छा है कि छोटा पुत्र पटवारी बने और बड़े पुत्र की दो पुत्रियाँ पढ़कर डाक्टर बनें। इसके लिये कुसमा बाई ने अपने नव-निर्मित मकान के बाहर ओटला भी बनवाया है जिस पर उनका छोटा पुत्र मन्नालाल और दो पोतियाँ वंदना एवं पयाल शाम को बैठकर बल्ब की रोशनी में पढ़ाई करती हैं।
बड़वानी नगर से 7 किलोमीटर दूर ग्राम धमनई में कुसमा बाई, पति के गुजरने के बाद मजदूरी कर अपने परिवार का गुजर-बसर करती हैं। इनकी सवा एकड़ भूमि पर इतनी उपज नहीं होती कि अपने परिवार का साल भर अच्छी तरह से पालन-पोषण कर सकें। ऐसे में पक्के घर का सपना बस सपना ही बन गया था। जब कुसमा बाई को पता चला की प्रधानमंत्री आवास योजना में उन्हें 1 लाख 20 हजार रूपये की राशि तथा मनरेगा के तहत अलग से 18 हजार रूपये मजदूरी की राशि भी मिलने वाली है, तो सरपंच से मिलकर इस योजना का फायदा लिया। माँ-बेटे ने अपने ही मकान में मजदूरी कर निर्धारित समय में ही अपने घर के सपने को आकार दे दिया है।
ग्राम धनमई में 564 परिवार रहते हैं। इनमें से 103 परिवार पूर्व में ही मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गतअपना घर बना चुके हैं। इस गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 25 और परिवारों ने भी अपने घर बना लिये हैं। 564 परिवारों में से 561 परिवार बीपीएल श्रेणी में दर्ज हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री आवास योजना का क्या महत्व है, यह कोई इस गांव में आकर ही महसूस कर सकता है।