आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2017-18 में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने वाले सभी 150 स्टूडेंट्स राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किए जाएं, ताकि नीट यूजी काउंसलिंग से मेडिकल में दाखिला लेने वाले इन छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके बोवड़े और जस्टिस नागेश्वर राव की बेंच ने गुरुवार को ये निर्देश दिए। एमसीआई के मानक पूरे नहीं करने के कारण सत्र 2017-18 की प्रवेश अनुमति काउंसिल द्वारा निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने कहा कि काउंसिल की इंस्पेक्शन रिपोर्ट का वेरिफिकेशन तीन माह में सीबीआई और एम्स के डॉक्टरों की कमेटी करे। कॉलेज प्रबंधन ने एमसीआई की निरीक्षण रिपोर्ट को एकतरफा और पूर्वागृह के आधार पर तैयार बताया था। स्टूडेंट्स की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट आदित्य सांघी ने बताया कि एमसीआई की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज काउंसिल के मानकों को पूरा नहीं कर रहा है। इस आधार पर एमसीआई ने सत्र 2017-18 में एमबीबीएस की 150 सीटों पर एडमिशन की अनुमति नहीं दी थी। इस फैसले के खिलाफ कॉलेज प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने कॉलेज को एमबीबीएस की 150 सीटों पर दाखिले की अनुमति सशर्त दी थी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्टेट कोटे की नीट यूजी काउंसलिंग से इन सीटों पर एडमिशन दे दिए थे। एडमिशन प्रक्रिया खत्म होने के बाद एमसीआई ने कॉलेज का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण रिपोर्ट में काउंसिल द्वारा बताई गई खामियां दूर नहीं हाेने का हवाला देकर एडमिशन निरस्त करने के आदेश दिए थे। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी 150 स्टूडेंट्स के एडमिशन दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने के आदेश दिए है। कॉलेज की ओर से सीनियर एडवोकेट बैनी चटर्जी ,निधीश गुप्ता और सुमित नेमा ने पैरवी की।
भोपाल के चिरायु, एलएन, पीपुल्स, इंदौर के अरविंदों, इंडेक्स , देवास के अमलतास और उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोर्ट की 107 सीटें खाली हैं। इन सीटों पर दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स के एडमिशन संचालक चिकित्सा शिक्षा ने बीते महीने ही निरस्त किए थे। सरकार ने यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश पर निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई सीटों पर अपात्रों के एडमिशन मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर की थी। सूत्रों के मुताबिक चिकित्सा शिक्षा विभाग आरकेडीएफ कॉलेज में दाखिला लेने वाले 150 स्टूडेंट्स में से 107 को एनआरआई कोटे की खाली सीटों पर दाखिला देने की तैयारी कर रहा है। 43 स्टूडेंट्स के एडमिशन के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन से एमबीबीएस की खाली सीटों की रिपोर्ट तलब की गई है।
कॉलेज के डीन डॉ. एसएस कुशवाह ने बताया कि एमसीआई के मानकों को पूरा करने के बावजूद काउंसिल के पर्यवेक्षकों ने संस्थान में खामियां बताई हैं। पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट में यह गड़बड़ी काउंसिल में बैठे सीनियर अफसरों के निर्देश पर की है। इस कारण कॉलेज प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित में कॉलेज संचालन में एमसीआई की भूमिका खत्म करने और संस्थान की खामियाें की जांच स्वतंत्र कमेटी से कराने की मांग की थी।