Home राष्ट्रीय शिवसेना NDA से ‘अलग’, अकेले लड़ेगी 2019 का चुनाव…..

शिवसेना NDA से ‘अलग’, अकेले लड़ेगी 2019 का चुनाव…..

22
0
SHARE

एनडीए के अहम सहयोगी दल शिवसेना ने शुक्रवार को भाजपा के साथ अपने खट्टे-मीठे संबंधों से पर्दा उठाते हुए आगामी चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा की है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि 2019 का अगला लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव एनडीए से अलग होकर पार्टी अपने दम पर लड़ेगी। इसके साथ ही, उद्धव ठाकरे की पदोन्नति करते हुए उन्हें पार्टी की कोर टीम का हिस्सा बनाया गया।

शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के जन्मदिन के मौके पर मंगलवार को वर्ली के एनएससीआई में आयाजित शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इस बात का रिजॉल्यूशन पास किया गया कि पार्टी 2019 का लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। कार्यसमिति की बैठक में संजय राउत इस प्रस्ताव को रखा जिसे  सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।

राउत ने आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य के अंदर 25 सीटें (48 में से) और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 150 सीटें (288 में से) जीतने का आह्वान किया। इससे पहले समय-समय पर शिवसेना के नेता एनडीए से गठबंधन खत्म करने को लेकर धमकी देते रहते थे। शिवसेना युथ विंग के नेता आदित्य ठाकरे की तरफ से यह धमकी कि महाराष्ट्र सरकार से पार्टी एक साल में अलग हो जाएगी, उसके बाद पिछले साल दिसंबर में ही संजय राउत ने इस बात के संकेत दिए थे कि शिवसेना और भाजपा की राहें जुदा हो चुकी है।

शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को आड़े हाथों  लेते हुए उन पर नौसेना को अपमान करने का आरोप लगाया। उद्धव ने कहा नितिन गडकरी महाराष्ट्र आए और हमारी नौसेना का अपमान किया जो हमारे देश की सरहद की रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि सेना में तैनात जवान की वास्तव में 56 इंच की छाती होती है उन्हें हम कैसे अपमान कर सकते हैं? गौरतलब है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में शिवसेना काफी असहज महसूस कर रही है और उसने लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुछ नीतियों का खुलकर विरोध भी किया है। भाजपा-शिवसेना गठबंधन में दरार उस वक्त उभर कर सामने आयी थी जब 2017 के बीएमसी चुनाव दोनों ही दलों ने अपने दम पर अलग लड़ने का फैसला किया था। इस पूरे चुनाव कैंपने के दौरान दोनों के बीच वाकयुद्ध चला और भ्रष्टाचार और अक्षमता का भी आरोप लगाया गया।
इस चुनाव में शिवसेना बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसने 227 सदस्यीय नगरपालिका में से 84 सीटें जीती जबकि भाजपा 82 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही।

खास बात ये है कि इस वक्त महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की गठबंधन वाली सरकार है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के पास 122 सीटें है जबकि शिवसेना के 63 सीटें है। वहां पर सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत का आंकड़ा 145 होना चाहिए। ऐसे में अगर शिवसेना राज्य की सत्ता से हटने का भी फैसला करती है तो मौजूदा फड़णवीस सरकार को भी खतरा हो सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here