बॉल टैम्परिंग मामले में ऑस्ट्रेलिया टीम के ओपनर डेविड वॉर्नर को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा है. मामले में मुख्य साजिशकर्ता घोषित किए गए डेविड वॉर्नर एक साल का प्रतिबंध काटने के बाद अब कभी ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी नहीं कर पाएंगे. क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने यह घोषणा की है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट के दौरान हुई बॉल टैम्परिंग की घटना की सीए की जांच में पता चला है स्टीव स्मिथ और कैमरन बैनक्रॉफ्ट को पता था कि क्या हो रहा है लेकिन वह वॉर्नर थे जिन्होंने गेंद के हालात को कृत्रिम रूप से बदलने के प्रयास की योजना बनाई थी. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बॉल टैम्परिंग मामले में स्मिथ और वॉर्नर पर एक-एक साल का बैन लगाया है.
स्मिथ को एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करने का मौका दिया जा सकता है लेकिन वार्नर के नाम पर कभी विचार नहीं किया जाएगा. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बयान में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट खेलने पर लगे प्रतिबंध के समाप्त होने के कम से कम 12 महीने तक स्टीव स्मिथ और कैमरन बेनक्राफ्ट के नाम पर कप्तानी के लिए विचार नहीं होगा.’बयान के अनुसार, ‘भविष्य में नेतृत्व पर विचार की कोई भी संभावना शर्तिया होगी जो प्रशंसकों और जनता की स्वीकार्यता के अलावा फॉर्म और खिलाड़ियों के समूह के बीच स्थिति पर निर्भर करेगी. टीम की कप्तानी के लिए भविष्य में डेविड वॉर्नर के नाम पर विचार नहीं होगा
वॉर्नर पर जूनियर खिलाड़ी बेनक्रॉफ्ट को पीले रंग के टेप का इस्तेमाल करके कृत्रिम रूप से गेंद के हालात बदलने का निर्देश देने का आरोपी बनाया गया है