सीबीएसई के पेपर लीक की घटना से देश को झकझोर दिया है. दसवीं और बारहवीं के बोर्ड के पेपर लीक हो गए और लाखों छात्रों के भविष्य और मेहनत के साथ खिलवाड़ हो गया. सरकार की नाकामी भी दिखाई दी. सूचनाओं के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं होने के आरोप लगे. पेपर लीक की बातें काफी पहले से ही मीडिया से लेकर लोगों के बीच चल रही थी. आरोप यह भी है कि सीबीएसई ने इस पूरे मामले में काफी ढिलाई बरती. मामले के तूल पकड़ने के बाद सीबीएसई ने दो परीक्षाओं को रद्द कर दिया.
- CBSE चेयरमैन को पहले ही मिल चुकी थी लीक की शिकायत
- देव नारायण नाम के जीमेल अकाउंट से भेजी गई थी शिकायत
- मेल में CBSE चेयरमैन को भेजे गए हाथ से लिखे पेपर के 12 फोटो
- हाथ से लिखे पेपर पर लिखा था यही सवाल आएंगे
- इसी शिकायत के आधार पर 28 मार्च को दूसरी FIR दर्ज हुई
- CBSE ने गूगल को चिट्ठी लिखकर ईमेल का ब्योरा मांगा
- CBSE एग्ज़ामिनेशन कंट्रोलर से 4 घंटे पूछताछ
- क्राइम ब्रांच ने एग्ज़ामिनेशन कंट्रोलर से किए कई सवाल
- एग्ज़ाम सेंटर तक पेपर कैसे जाते हैं?
- पेपर की प्रिंटिंग कहां होती है?
- कोचिंग सेंटर, छात्रों समेत अब तक 45 से पूछताछ
- 2 दर्जन से ज़्यादा मोबाइल ज़ब्त करके जांच
बता दें कि सीबीएसई पेपर लीक मामले ने एक बार फिर से देश की परीक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिये हैं. सीबीएसई ने बुधवार को घोषणा की थी कि पेपर लीक के मद्देनजर 10वीं की गणित की परीक्षा और कक्षा 12वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा ली जाएगी. जानकारी के अनुसार सीबीएसई की परीक्षा प्रभारी से पुलिस ने चार घंटों तक पूछताछ की है. जानकारी यह भी आ रही है कि करीब 1000 छात्रों तक पेपर पहुंचा है.