दरअसल प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री ने दो अप्रैल से शुरु हो रहे शैक्षणिक सत्र के पहले ही दिन से सभी शिक्षक और अध्यापकों को एम शिक्षा मित्र एप के माध्यम से ई-अटेंडेंस लगाने का निर्देश दिया था। लेकिन, प्रदेश के सभी शिक्षकों द्वारा सरकार की इस व्यवस्था का शुरु से ही विरोध किया जा रहा था।
शिक्षकों ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुये कहा था कि यह व्यवस्था केवल शिक्षकों के लिये ही लागू क्यों की जा रही है, इसे अन्य विभागों में लागू क्यों नहीं किया जा रहा है। प्रदेश के सभी शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस प्रक्रिया की कमजोरियां मुख्यमंत्री चौहान को बताते हुये कहा था कि इस व्यवस्था के चलते शिक्षकों को काफी परेशानी होती है। वहीं ग्वालियर के शिक्षकों ने तो ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता पर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी।
शिक्षकों की मांगों को ध्यान में रखते हुये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के आगामी शिक्षण सत्र से इस व्यवस्था को लागू नहीं करने का फैसला किया है। सीएम ने ई-अटेंडेंस व्यवस्था को हटाने की घोषणा करते हुए कहा कि इस व्यवस्था से शिक्षकों को अपमानित होना पड़ता है, इसलिये इसे प्रदेश में लागू नहीं किया जायेगा।