Home धर्म/ज्योतिष श्री कृष्णजन्माष्टमी के जानें तिथि, मुहूर्त, नियम और महत्व…

श्री कृष्णजन्माष्टमी के जानें तिथि, मुहूर्त, नियम और महत्व…

43
0
SHARE

श्री कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्स्व है. जन्माष्टमी भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं.

जानिये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त और नियम ?

– शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस दिन वृष राशि में चंद्रमा व सिंह राशि में सूर्य था. इसलिए श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव भी इसी काल में ही मनाया जाता है. लोग रातभर मंगल गीत गाते हैं और भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाते हैं.

– इस बार अष्टमी 14 अगस्त को सायं 07.45 पर आरम्भ होगी और यह 15 अगस्त को सायं 05.40 पर समाप्त होगी.

– रात्रि में अष्टमी तिथि 14 अगस्त को होगी. इसलिए इस बार जन्माष्टमी 14 अगस्त को मनाना उत्तम होगा.

– मध्य रात्रि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और तभी जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

कृष्ण जन्माष्टमी का क्या है अर्थ और क्या है इसका महत्व

– भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को होने के कारण इसको कृष्णजन्माष्टमी कहते हैं.

– भगवान कृष्ण का रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी के निर्धारण में रोहिणी नक्षत्र का बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं.

– इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति ,आयु तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है.

– श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाकर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है.

– जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर हो वे आज विशेष पूजा से लाभ पा सकते हैं.

‘व्रतराज’ का अनूठा अवसर

जन्माष्टमी के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके व्रत को ‘व्रतराज’ कहा जाता है. मान्यता है कि इस एक दिन व्रत रखने से कई व्रतों का फल मिल जाता है. अगर भक्त पालने में भगवान को झुला दें, तो उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here