नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में बाबरी विवाद पर 7 साल बाद शुक्रवार से सुनवाई शुरू हो गई। सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अभी दस्तावेजों का ट्रांसलेशन नहीं हो पाया है, इसलिए इन्हें पेश नहीं किया जा सकता। इस पर कोर्ट ने ट्रांसलेशन के लिए तीन महीने का वक्त दे दिया। इस केस से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेज अरबी, उर्दू, फारसी और संस्कृत में हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 5 दिसंबर तय की है। बता दें कि जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की स्पेशल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 में आए फैसले के बाद, पिछले करीब 7 साल से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।