लोगों का ऐसा मानना है कि हर व्यक्ति के एक ईष्टदेव या देवी होते हैं. इनकी उपासना करके ही व्यक्ति जीवन में उन्नति कर सकता है. इनका निर्धारण लोग कुंडली के आधार पर करते हैं. वास्तव में ग्रहों का और ज्योतिष का ईष्टदेव से सम्बन्ध नहीं होता है. आपके ईष्टदेव या देवी का निर्धारण आपके जन्म जन्मान्तर के संस्कारों से होता है. बिना किसी कारण के ईश्वर के जिस स्वरुप की तरफ आपका आकर्षण हो, वही आपके ईष्ट देव हैं. ग्रह कभी भी ईश्वर का निर्धारण नहीं कर सकते. ग्रहों की समस्या को दूर करने के लिए विशेष देवी देवताओं की उपासना की जा सकती है.
किस ग्रह की समस्या के लिए किस देवी देवता की उपासना करें?
सूर्य के लिए या तो सूर्य की ही उपासना करें
या गायत्री मंत्र की साधना करें
चन्द्रमा के लिए भगवान शिव की उपासना करना उत्तम होगा
मंगल के लिए कुमार कार्तिकेय या हनुमान जी की उपासना करें
बुध के लिए माँ दुर्गा की उपासना करें
बृहस्पति के लिए श्रीहरि की उपासना करें
शुक्र के लिए माँ लक्ष्मी या माँ गौरी की उपासना करें
शनि के लिए श्रीकृष्ण या भगवान शिव की उपासना करें
राहु के लिए भैरव बाबा की उपासना करें
केतु के लिए भगवान गणेश की उपासना करें
अपनी विशेष समस्याओं के लिए किस देवी देवता की उपासना करें?
मानसिक समस्याओं के निपटारे के लिए शिवजी की उपासना करें
शीघ्र विवाह के लिए पुरुष माँ दुर्गा उपासना करें
शीघ्र विवाह के लिए स्त्रियां भगवान शिव की उपासना करें
बाधाओं के नाश के लिए भगवान गणेश की पूजा करें
धन के लिए माँ लक्ष्मी की उपासना करें
मुक्ति मोक्ष या आध्यात्मिक उपलब्धि के लिए भगवान कृष्ण या भगवान शिव की उपासना करें
किस देवी या देवता की उपासना सबके लिए उत्तम है?
शरीर और मन शुद्ध रखने के लिए सूर्य की उपासना सर्वोत्तम है
हर व्यक्ति को नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए
या उगते सूर्य की रौशनी में खड़ा होना चाहिए
इससे शरीर में स्थिति नाड़ियों और ग्रहों को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है
शैलेन्द्र पाण्डेय – ज्योतिषी