राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज राजभवन शिमला में लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हिमाचली युवा लेखिका और समाज सेवी श्रीमती मीनाक्षी चौधरी को ओकार्ड साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान साहित्य संस्कृति और समाज के लिए समर्पित ओजस सेन्टर फॉर आर्ट एण्ड रीडिंग डवैल्पमैंट संस्थान (ओकार्ड), दिल्ली द्वारा प्रदान किया गया है।
राजभवन में आयोजित एक साधारण किन्तु गरिमापूर्ण कार्यक्रम में राज्यपाल ने श्रीमती मीनाक्षी चौधरी को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने युवावस्था में 18 पुस्तकों का लेखन किया है और यह कार्य उन्होंने व्यवहारिक रूप से लोगों के बीच रहकर किया है। उन्होंने ओकार्ड द्वारा श्रीमती चौधरी को इस पुरस्कार के लिए चयनित करने पर भी बधाई दी। श्री मीनाक्षी ने जीवन में संघर्ष कर विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए पुस्तक लेखन का जो कार्य किया है उससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए और उनका यह लेखन का कार्य आज भी जारी है। जिस दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक सोच और कर्त्तव्य पथ पर वह आगे बढ़ रहीं हैं, वह उनकी विशेषता है, जिसके लिए नवोदित लेखकों को उनसे सीख लेनी चाहिए। यह विशेषता मेहनत और परिश्रम से जीवन में आती है इसलिए श्रीमती चौधरी प्रेरणा की स्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि साहित्यकार की राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वह लेखन कार्य के साथ-साथ सेवा और खुशी जैसी समाज सेवी संस्थाओं का संचालन भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति ही समाज व राष्ट्र का गौरव होते हैं।
इससे पूर्व, राज्यपाल के सलाहकार डॉ शशिकांत ने श्रीमती मीनाक्षी चौधरी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और उनके साथ लेखन के क्षेत्र के अनेक अनुभव सांझा किए। उन्होंने कहा कि मानवीय संवेदनाओं से जुड़ी उनकी कहानियां दिल को छूंने वाली हैं। उन्होंने अलग-अलग विषयों पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। स्वास्थ्य से जुड़े उनके अनेक कटु अनुभवों पर उनकी पुस्तक महिला वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री अश्वनी शर्मा ने भी इस अवसर पर बतौर पत्रकार श्रीमती चौधरी के अनुभवों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वह लेखन के साथ-साथ समाज सेवा से भी जुड़ी हैं और उनके लेखन में सच्चाई और उत्साह साफ झलकती है और जीवन को समझने का नजरिया उनका सबसे भिन्न है।
सांध्य महाविद्यालय, शिमला में प्राचार्य डॉ. मीनाक्षी पॉल ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीमती मीनाक्षी को पढ़ना यानि ज़िन्दगी की संवेदनाओं को समझना है।
ओकार्ड के निदेशक श्री राकेश गुप्ता ने इस अवसर पर संस्थान की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर, श्रीमती चौधरी ने पुरस्कार प्रदान करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया और इस पुरस्कार को उन्होंने अपने सभी सहयोगियों को समर्पित किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राम सुभग सिंह, प्रधान सचिव कृषि श्री ओंकार शर्मा, वरिष्ठ लेखक श्री एस.आर. हरनोट, अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा राजकीय कन्या विद्यालय, ढली की छात्राएं भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।