2007 हैदराबाद दोहरा बम धमाका मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों मोहम्मद अकबर इस्माइल चौधरी और अनिक शफीक सईद को को दोषी करार दिया है. दो अन्य फारुक शार्फुद्दीन तरकश और मोहम्मद सादिक इसरार अहमद शेख को बरी कर दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने पांच को गिरफ्तार किया था. एक आरोपी अंसार अहमद बादशाह शेख पर सोमवार को कोर्ट का फैसला आएगा.
25 अगस्त, 2007 को खानपान की एक लोकप्रिय दुकान, गोकुल चाट और राज्य सचिवालय के पास लुंबिनी पार्क में विस्फोट हुए थे, जिसमें 42 लोग मारे गए थे, जबकि 50 से ज्यादा घायल हो गए थे. दिलसुखनगर के एक फुटओवर ब्रिज के नीचे से बिना फटा बम बरामद हुआ था. इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से जुड़े दोषी और आरोपी फिलहाल चेरलापल्ली जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ मुकदमा जून 2018 में सुरक्षा आधार पर जेल परिसर में स्थित एक अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था.
आरोपियों को अक्टूबर 2008 में महाराष्ट्र आतंकवाद-रोधी दस्ते ने गिरफ्तार कर लिया था. आईएम प्रमुख रियाज भटकल और उनके भाई इकबाल भटकल सहित तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं. इस मामले की जांच आंध्र प्रदेश पुलिस ने शुरू की थी और विभाजन के बाद इसे तेलंगाना पुलिस के आतंकवाद रोधी शाखा को सौंप दिया गया था.
आरोपियों के खिलाफ तीन आरोपपत्र दायर किए गए थे. 2014 में, अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय किए थे. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत उन पर हत्या और अन्य अपराधों को अंजाम देने का आरोप लगाया गया था.