लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बिहार एऩडीए में खींचतान जारी है. अभी भी बीजेपी और जेडीयू में सीटों को लेकर बात नहीं बनी है, मगर अब जदयू ने सीटों के बंटवारे पर तालमेल की जिम्मेदारी चुनावी रणनीतिकार को दी है. दरअसल, जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पार्टी के सबसे नये सदस्य प्रशांत किशोर के ज़िम्मे सीटों के तालमेल की ज़िम्मेवारी दी है. हालांकि, किशोर कुमार को पार्टी में कोई पद नहीं दिया गया है, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ उनके संबंधों के कारण नीतीश कुमार ने राजनीति में और ख़ासकर जनता दल यूनाइटेड में उन्हें ये अहम टास्क दिया है.
हालांकि, सीटों के तालमेल को कई लोग प्रशांत किशोर की राजनीति कुशलता और जनता दल यूनाइटेड में पहली परीक्षा मान रहे हैं क्योंकि फ़िलहाल भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बारह से ज़्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है. बक़ौल भाजपा नेताओं ने ख़ुद माना है कि नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बुधवार को अपनी मुलाक़ात के दौरान 17 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. हालांकि, दोनों दलों के नेताओं का कहना हैं कि करीब दो महीने से सीटों पर चल रहा तालमेल अब एक हफ़्ते में घोषणा के स्तर पर आ जायेगा. फिलहाल प्रशांत किशोर की भाजपा अध्यक्ष अमित साह से कोई औपचारिक मुलाक़ात नहीं हुई हैं लेकिन अमित शाह पासवान और उपेन्द्र कुशवाह के साथ मिलने के बाद किशोर से मुलाक़ात कर सकते हैं.
इस बीच भाजपा के नेता मान रहे हैं असल चीज इस बात को लेकर है कि 20-20 फॉर्मूला को कैसे परिभाषित किया जाये. जहां भाजपा ख़ुद 20 सीटों पर चुनाव लड़, बाकी के 20 सीटों का बंटवारा नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के बीच करना चाहती है. वहीं जनता दल यूनाइटेड का कहना है कि कुशवाहा की पार्टी को सीट भाजपा अपने खाते की सीटों से दे और बाक़ी के 20 सीटों पर उसे लोजपा के साथ बंटवारे में कोई दिक्कत नहीं है.
बहरहाल, बिहार में उपमुख्य मंत्री सुशील मोदी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि इस मुद्दे पर मिलजुल कर सबके राजनीतिक क़द के अनुसार समझौता जल्द हो जायेगा. मगर भाजपा के बिहार के नेता मान कर चल रहे हैं कि फ़िलहाल नीतीश पंद्रह से कम सीटों पर नहीं मानने वाले हैं.