ऊना : जिलाभर में शुक्रवार को हड़ताल के कारण दवा विक्रेताओं ने अपनी दुकानें बंद कर विरोध जताया। दवा विक्रेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को मंजूरी देने पर कड़ा एतराज जताया है। ऑल इंडिया दवा विक्रेता संघ द्वारा बंद का समर्थन करते हुए दुकानों को सुबह से शाम तक बंद रखा। हालांकि सरकारी अस्पतालों में सिविल सप्लाई व जन औषधि केंद्र पर लोगों ने चिकित्सकों द्वारा लिखी दवाओं को लिया। जबकि अधिकांश लोगों को निजी दवा विक्रेताओं के बंद रहने से परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिला ऊना दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष मुनीश चड्ढा, महासचिव अमरजीत ¨मटू, उपाध्यक्ष हरे कृष्ण, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विनय शर्मा, पवन जगोता, मीडिया प्रभारी संजीव पराशर ने संयुक्त रूप से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के दौरान अशिक्षित लोगों को जनता की सेहत से खिलवाड़ की सीधी-सीधी छूट प्रदान कर दी है। जोकि केंद्र सरकार का दवा विक्रेताओं के साथ धोखा है। दवाएं बेचने से पूर्व कैमिस्टों को फार्मेसी की पढ़ाई करनी पड़ती है। उसके बाद लाइसेंस और न जाने कितनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दवाएं बेचने के लिए काउंटर्स पर बैठते हैं। कई दवाएं ऐसी हैं जिन्हें निर्धारित तापमान में रखना पड़ता है। ऐसे में ऑनलाइन दवा विक्रेता तापमान कैसे संतुलित रखेंगे।
वहीं ऑनलाइन सिस्टम में मरीजों को समय पर दवाएं उपलब्ध होने पर भी संशय रहेगा। जबकि सबसे बड़ा नुकसान है कि नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले लोगों को भी खुली छूट मिल जाएगी।
इस मौके पर विवेक वालिया, निश्चल, कुलदीप शर्मा, संजीव कुमार, विवेक भारद्वाज सहित कई दवा विक्रेताओं ने हड़ताल का समर्थन करते हुए दुकानें बंद रखी।