इस भागदौड़ भरी जिंदगी में थोड़ा व्यायाम और अच्छा खानपान दोनों ही जरूरी हैं. इससे आपका दिल तंदुरुस्त रहता है. पिछले तीन दशकों में आम भारतीयों में दिल की बीमारी ‘कोरोनरी आर्टरी डिजीज’ के मामलों में 300 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. इससे पीड़ित 2 से 6 फीसदी लोग गांव-कस्बों में और 4 से 12 फीसदी लोग शहरों में रहते हैं.
कई चीजों के अलावा, इसके लिए जीवनशैली से जुड़े कारक जैसे कि शराब का अत्यधिक मात्रा में सेवन भी जिम्मेदार है. अधिक मात्रा में शराब के सेवन से रक्त धमनियों में एक प्रकार की बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिसे एथरोस्क्लेरोसिस के नाम से जाना जाता है. इसके चलते एक अथवा कई रक्त धमनियां थोड़ी या फिर पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे रक्त के प्रवाह पर असर पड़ता है.
अनियंत्रित कैड की वजह से एक समय के बाद हार्ट अटैक की आशंका भी बढ़ जाती हैं और आप किस तरह इस संभावना को कम कर सकते हैं.
1. भोजन की मात्रा पर ध्यान दें
मोटापे से रक्तचाप बढ़ता है और फिर दिल की अनेक बीमारियां होने का सदैव अंदेशा रहता है. इसलिए हमेशा अपने शरीर की जरूरत भर ही खाना खाएं. मैदा इत्यादि का सेवन कम करें. सब्जियां और फलों की मात्रा बढ़ाएं. घर के बाहर खाने में अक्सर मात्रा का अंदाजा नहीं लग पाता है.
2. घर पर खाने को हमेशा प्राथमिकता दें
इस मौके पर अगर आप भी दिल की सेहत से जुड़े कुछ फैसले करना चाहते हैं तो बाहर की बजाए घर का खाना खाने की आदत ड़ालें. घर पर भोजन करना अधिक पौष्टिक होता हैं, क्योंकि आप स्वयं सब्जी, मसाले, चिकनाई एवं पकाने की विधि का चयन करते हैं. आप खाने को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें विभिन्न प्रकार के मसाले डाल सकते हैं और नमक एवं चीनी जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा कम कर सकते हैं.
घर के खाने में परिवार के सभी सदस्यों से सलाह एवं सहायता लेकर एक पारिवारिक गतिविधि का रूप दे सकते हैं. यह खाना सस्ता भी पड़ता है. सब्जियों को अधिक तलकर या भून कर ना बनाएं. इन विधियों में तल की खपत अधिक हाती है जिससे मोटापा बढ़ता है. उबालकर या कम तेल में खाना बनाने की चेष्टा करें और जहां तक हो सके, हमेशा ताजा खाना खाएं.
3. अधिक फाइबर वाला खाना खाएं
साबूत दालें-अनाज, सब्जियां जैसे गाजर, टमाटर आदि में न घुलने वाला फाइबर होता है. दलिया, सेम, लोभिया सूखे मेवे और फल जैसे सेब, नींबू, नाशपाती, अनानास आदि में घुलनशील फाइबर होते हैं
फाइबर युक्त भोजन अधिक समय तक पेट में रहता है, जिसके कारण पेट भरा हुआ महसूस होता है और खाना भी कम खाया जाता है. इसी कारण वजन भी कम होता है. फाइबर युक्त भोजन पाचन के समय शरीर से बसा निकाल देता है, जिसके कारण कॉलेस्ट्रॉल कम होता है व हृदय अधिक तंदुरुस्त होता है. फाइबर युक्त भोजन से अधिक ऊर्जा मिलती है जिसके कारण व्यायाम में थकान कम होती है. फाइबर युक्त भोजन से शरीर व हृदय दोनों सशक्त होते हैं.
4. अच्छी सेहत के लिए कम खाना चाहिए नमक और बासी खाना
भोजन में अधिक नमक की मात्रा होने से रक्तचाप बढ़ जाता है. इस कारण हृदय में कई बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है. जैसा कि हम समझ चुके हैं कि मकसद ही दिल के रोगों से जुड़ी बातों के प्रति जागरुकता फैलाना है, तो जहां तक हो सके, ताजा खाना खाने की चेष्टा करें, क्योंकि पहले से निर्मित किये भोजन में कई हानिकारक पदार्थ होते हैं. ये भोजन का स्वाद ठीक बनाए रखने के लिए डाले जाते हैं. खाने को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले, हरा धनिया, पुदीना आदि डालिए. इस तरह नमक की मात्रा भी कम हो जाएगी.
5. नुकसानदेह चिकनाई यानी वसा की जगह फायदेमंद चिकनाई खाएं
तेल, दूध एवं दूध से बनी वस्तुएं और लाल मांस में नुकसानदेह चिकनाई होती है जो आपका बुरा कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाकर आपके हृदय को अस्वस्थ करती है, लेकिन मछली, अंडा, झिल्ली उतारा हुआ मुर्गा, दालें, टोफू, किनुआ इत्यादि से पोष्टिक प्रोटीन एवं फायदेमंद चिकनाई दोनों मिलती है. बाजार में मिलने वाले अधिकतर खाने की वस्तुओं में अच्छा पौष्टिक तेल नहीं होता. इस कारण इनका उपभोग कम से कम करना चाहिए. चीनी एवं मैदे का उपयोग कम से कम करना चाहिए और भोजन में पौष्टिक तत्व जैसे सूखे मेवे, हरी सब्जियां इत्यादि का उपयोग बढ़ा देना चाहिए.