ऊना: नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि सार्वजनिक मंचों से कांग्रेस को धमकी देना मुख्यमंत्री जयराम बंद करें। मुख्यमंत्री अगर सोचते हैं कि चार्जशीट को लेकर कांग्रेस को ब्लैकमेक कर लेंगे, तो सीएम गलत मुगालते में न रहे। सोमवार को जारी बयान में मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि कांग्रेस न पहले कभी डरी है, न अब खौफजदा है और न ही हम जांचों से डरते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री विपक्ष को धमकियां देकर चुप नहीं करवा सकते। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने जो तौर तरीके अपनाएं थे और जिस भाषाशैली का इस्तेमाल अपनी चार्जशीट में किया था, उससे सीएम जयराम भी वाकिफ होंगे। कांग्रेस जो करेगी ठोक बजाकर करेगी, तथ्यों पर करेगी।
लोकतंत्र में चुनाव ही किसी नेता व पार्टी की लोकप्रियता का फैसला करते हैं। ऐसे में जो लोग जीत हैं, संविधान के अनुसार सम्मान देना सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हारे नकारे नेताओं को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कंधे पर उठाकर नाचें, हमें इससे कोई मतलब नही है। लेकिन यह कहना कि कुछ पदों पर मनोनित किए गए एमएलए से ऊपर हैं। तो यह गलत होगा। हरोली, रामपुर का पुल विधायक प्राथमिकता में बना है। इसे पूरी तरह से राज्य के कोष से वित्त पोषित किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पूरा पैसा प्रदेश से दिया है। केंद्र का कोई योगदान नहीं है। मुख्यमंत्री इसे केंद्र की योजना न बताएं। मुख्यमंत्री हरोली-रामपुर पुल की फंडिंग को चैक करें और यदि केंद्र के पैसे की कोई चिट्ठी है तो उसे जारी करें। उन्होंने कहा कि चंद सैकंड में कुछ लोगों को साथ लेकर मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया और इस पुल की भव्यता को देखने का साहस भी नहीं किया। इस पुल पर विधायक को श्रेय देने से मुख्यमंत्री कतरा रहे हैं और हारे नकारे लोगों का नाम लगा रहे हैं, जिनका कोई योगदान नहीं है।
सीएम व मंत्री का नाम लग सकता है और विपक्ष के विधायक का नाम न लगाना भी समझ आता है, लेकिन विधायक प्राथमिकता का जिक्र न करना यह मुख्यमंत्री के पद के लिए शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि उद्घाटन के दिन पुल को छावनी बना दिया। क्या डर था। प्रदेश का यह सबसे लंबा पुल है। जिसमें 33 करोड़ की बजट भी हुई है और मैंने खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस पुल के उद्घाटन का निमंत्रण दिया था, लेकिन सीएम की नियत में खोट नजर आता है।
अग्रिहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर न तो विपक्ष की आवाज को सहन कर पा रहे हैं और न ही कांग्रेस के विधायकों को सम्मान देने की नियत रख रहे हैं। मुख्यमंत्री चाहते ही नहीं कि कांग्रेस के विधायक उनकी जनसभाओं में आएं। इसलिए मुख्यमंत्री विपक्षी विधायकों को सम्मान से आमंत्रित करने का प्रयास भी नहीं करते हैं।
मुकेश ने कहा कि लोक निर्माण व आईपीएच विभाग के जिला ऊना के अधीक्षण अभियंताओं ने यदि मुख्यमंत्री कार्यालय को विकास की योजनाओं पर सही जानकारी नहीं दी है कि कौन सी योजनाएं विधायक प्राथमिकताओं की हैं। इसमें दोष विभाग के अधिकारियों का भी है। क्या मुख्यमंत्री विभागों के दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे। सरकार संस्थाओं व मर्यादाओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है, जो कि सहन नही होगा।