रोजाना अखरोट का सेवन करने से बहुत से फायदे हैं। ऐसा हम नहीं, न्यू ऑरलियन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च कहती है। न्यू ऑरलियन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन में हाल ही में अखरोट के समृद्ध गुणों और प्रयोग पर शोध किया गया है। इस रिसर्च को अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च एंड कैलिफोर्निया वॉलनट कमीशन द्वारा समर्थित किया गया है। आहार में अखरोट खाने से पेट में बैक्टीरिया बदलते हैं जिससे पेट की समस्याओं से निजात मिलती है।
अखरोट को एक ‘सुपरफूड’ कहा जाता है क्योंकि वे ओमेगा -3 फैटी एसिड, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और फाइबर में समृद्ध है। ये एंटीऑक्सिडेंट्स के सर्वोच्च स्रोतों में से एक है।
ड्राई फ्रूट्स हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और अखरोट उन्हीं ड्राई फ्रूट्स में से एक है। कई लोग तो अखरोट को ब्रेन फूड कहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इसके सेवन से उनके दिमाग को ऊर्जा मिलती है। याद्दाश्त कम होने की स्थिति में भी अखरोट का सेवन लाभकारी होता है। अखरोट की संरचना को अगर ध्यान से देखा जाए तो ये एक मानव मस्तिष्क के आकार की लगती है।
रोजाना अखरोट का सेवन करने से बहुत से फायदे हैं। ऐसा हम नहीं, न्यू ऑरलियन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च कहती है। न्यू ऑरलियन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन में हाल ही में अखरोट के समृद्ध गुणों और प्रयोग पर शोध किया गया है। इस रिसर्च को अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च एंड कैलिफोर्निया वॉलनट कमीशन द्वारा समर्थित किया गया है।
अखरोट है बड़ा पौष्टिक
वहां फिजियोलॉजी के रिसर्च एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर तैनात लॉरी बर्ले के नेतृत्व में हुए इस अनुसंधान में पाया गया कि आहार में अखरोट खाने से पेट में बैक्टीरिया बदलते हैं जिससे पेट की समस्याओं से निजात मिलती है। अखरोट को एक ‘सुपरफूड’ कहा जाता है क्योंकि वे ओमेगा -3 फैटी एसिड, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और फाइबर में समृद्ध है। ये एंटीऑक्सिडेंट्स के सर्वोच्च स्रोतों में से एक है। डॉ लॉरी बर्ले के मुताबिक, ‘अखरोट का एक और लाभ है कि वो हमारी आंतों में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को बदलने या मारने में लाभकारी परिवर्तन दे सकता है।’
क्या कहती है ये स्टडी
अनुसंधान दल ने एक समूह के आहार में अखरोट जोड़ा और दूसरे समूह के आहार में कोई अखरोट नहीं दिया इसके बाद उन्होंने दोनो के प्रकारों और संख्याओं में पेट में मौजूद बैक्टीरिया को मापा और परिणामों की तुलना की तो उन्होंने पाया कि समूह में बैक्टीरिया के दो अलग-अलग परिणाम थे। अखरोट खाने वाले समूह में बैक्टीरिया की संख्या और प्रकार बदल गए और बैक्टीरिया की कार्यात्मक क्षमता भी बढ़ गई। शोधकर्ताओं ने देखा की लैक्टोबैसिलस जैसे लाभकारी बैक्टीरिया में उल्लेखनीय वृद्धि भी हुई।
अखरोट, पेट रखे फिट
एक शोधकर्ता के मुताबिक, ‘हमने पाया कि आहार में अखरोट खाने से पेट में बैक्टीरिया की विविधता में वृद्धि हुई। अखरोट लैक्टोबैसिलस जैसे कई बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं आमतौर पर ये प्रीबायोटिक्स से जुड़े हैं और अखरोट प्रीबायोटिक्स के रूप में कार्य कर सकते हैं। प्रीबायोटिक्स आहार वो पदार्थ हैं जो कि लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या और गतिविधि को बढ़ावा देते हैं।’ शोधकर्ताओं ने ये निष्कर्ष निकाला कि आंतों में गड़बड़ी को अखरोट से जोड़कर देखा जाए तो पेट के बैक्टीरिया समुदाय के पुनर्निर्माण में अखरोट का अहम योगदान है।
अखरोट एक, फायदे अनेक
अखरोट को मेवों का राजा कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अखरोट में वीर्य तथा शुक्राणु को ताकत देने वाले तत्व होते है। इसके अलावा हृदय और हड्डियों के लिए के लिए तो ये रामबाण है। इसके अलावा शरीर में दर्द, जलन, सूजन वाले स्थान पर अखरोट की छाल का लेप लगाने से बहुत फायदा होता है| साथ ही अखरोट की पत्तियां चबाने से दांत का दर्द दूर होता है। रोजाना अखरोट खाने त्वचा से सफेद दाग कम हो जाते हैं।
अखरोट में लगभग 65 % फैट , 14 % कार्बोहाइड्रेट , 15 % प्रोटीन तथा 11 % फाइबर और पानी होते है। फैट की अधिक मात्रा के कारण इससे अधिक कैलोरी मिलती है , लेकिन खास बात यह है की फिर भी यह मोटापा नहीं बढ़ाता।