स्वाइन फ्लू के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए ताकि मरीज को तत्काल और समय पर उपचार उपलब्ध कराया जा सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर राज्य में स्वाइन फ्लू के मामलों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस बीमारी के लक्षणों व रोकथाम के उपायों के बारे लोगों को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने विभाग को करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव मामलों का पूर्ण विश्लेषण किया जाना चाहिए ताकि समय रहते बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय किए जा सकें। उन्होंने कहा कि विशेष चिकित्सा दलों को उन क्षेत्रों में तैनात किया जाना चाहिए जहां अधिकतम मामले सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार न केवल दवाओं की उपलब्धता को लेकर संवेदनशील है, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा कि शिमला में 12 बेड की सुविधा वाला एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है और मौजूदा चार बेड सुविधाओं के साथ एक और आईसीयू को जोड़ा गया है ताकि इससे प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू की घटनाओं में आई गिरावट के बावजूद भी राज्य सरकार ने आईजीएमसी शिमला में 8000 उन्नत कैप्सूलों का स्टॉक उपलब्ध करवाया गया है ताकि स्वाइन फ्लू को फैलने से रोका जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए ताकि रोगियों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जहां से एच 1 एन 1 संक्रमण के अधिक मामले सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए प्रभावित रोगी के परिवार के सदस्यों की प्रतिरक्षा दवाईयां उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 270 परीक्षण किए गए, जिनमें से 86 मामले पॉजिटिव पाए गए।
मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉं. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. अजय कुमार गुप्ता, आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. रवि शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज, निदेशक एनएचआरएम मनमोहन शर्मा डॉ. सोनम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।