देश की कमलनाथ सरकार लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने से पहले कांग्रेस द्वारा वचन पत्र में जनता से किए गए अधिकांश वादे पूरा करने पर जोर दे रही है। वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार की मंशा ऐसे वादों को पूरा करना है, जिन पर किसी तरह से वित्तीय भार नहीं आना है।
सिर्फ लालफीताशाही की जकड़न को दूर कर कैबिनेट के अनुमोदन के बाद विधानसभा से अधिनियम पारित करवाकर इन्हें लागू किया जा सके। इसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा के अनुसार प्राथमिक तौर पर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए मोहल्ला स्तर पर संजीवनी क्लिनिक खोला जाना है। इसकी शुरुआत अगले महीने छिंदवाड़ा और गुना हो सकती है। प्रशासन अकादमी में महानिदेशक एपी श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक हुई। इस बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव वीसी सेमवाल, कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल और माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष इकबाल सिंह बैंस समेत प्रमुख विभागों के अफसर मौजूद थे।
इस समिति ने कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने के लिए व्यापमं को बंद कर उसके स्थान पर शासकीय सेवाओं में चयन के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग के गठन किए जाने समेत करीब 24 ऐसी घोषणाओं को चिह्नित किया है, जिनमें वित्तीय भार नहीं आना है। मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने की संभावना है। इसलिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वचन पत्र के वादों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं, जिससे लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जाकर ज्यादा से ज्यादा से सीटें जीती जा सकें।