भारत सरकार की अमृत योजना (अटल मिशन फार रिजुविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) में जीआईएस (जियोग्राफिकल इन्फर्मेशन सिस्टम) के आधार पर प्रदेश में सबसे पहले ओंकारेश्वर का मास्टर प्लान तैयार होगा। इसके लिए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। योजना में प्रदेश के 34 शहरों के साथ ही जिले का ओंकारेश्वर और खंडवा भी शामिल हैं। पहले चरण में ओंकारेश्वर का मास्टर प्लान जीआईएस से तैयार किया जा रहा है। इसका सर्वे कर सीटें एनआरएससी (नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर) हैदराबाद भेज दी है। वहां सीटों का सत्यापन भी हो गया है।
सर्वे के आधार पर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग में मास्टर प्लान की किताब बनाई जा रही है। यह काम भी अंतिम चरण में चल रहा है। ओंकारेश्वर का मास्टर प्लान 2021 तक के लिए है। इसी मास्टर प्लान में जीआईएस की लेयर जोड़ रहे हैं। पहले बना मास्टर प्लान खसरा नंबर के आधार पर ऑफलाइन था। अब यह ऑनलाइन रहेगा। इसके नक्शे में 64 लेयर रहेगी। जीआईएस के आधार पर सर्वे नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की तीन टीमों ने आठ दिन में किया। विभाग के उपयंत्री अनूप खेरदे सहित सात लोगों ने मकानों के भूमि उपयोग संबंधी जानकारी लोगों से ली। ओंकारेश्वर के मास्टर प्लान में मांधाता, गोदड़पुरा, डुहकिया गांवों को किया शामिल किया गया है।
यह होगा नए मास्टर प्लान में : जमीन का कोई भी खसरा नंबर डालने पर नंबर से संबंधित जमीन की जानकारी सामने आ जाएगी। इस मास्टर प्लान में नगरी निकाय की जानकारी भी शामिल रहेगी। प्रत्येक मकान के उपयोग की जानकारी रहेगी। भूमि के उपयोग के अलावा बिजली लाइन, पाइप लाइन, टेलीफोन लाइन, सीवरेज लाइन, निर्माणाधीन फ्लाईओवर ब्रिज, प्रस्तावित पार्किंग स्थल, सड़कें सहित शासकीय विभागों की समग्र जानकारी उपलब्ध रहेगी। स्मार्ट सिटी बनाने के लिए इसी प्लान के आधार पर भविष्य में संबंधित शहरों के विकास का प्लान तैयार किया जाएगा।