दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पुलिस लाइन पर हुए फिदायीन हमले में शहीद मोहम्मद यासीन का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर जब बारामुला में उनके पैतृक गांव लाया गया तो उनको आखिरी विदाई देने लोगों का हुजूम सड़क पर जमा हो गया। हजारों की संख्या मेंं लोग शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए और नम आंखों से विदाई दी।
बारामुला जिला के पट्टन इलाके के रहने वाले यासीन पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में तैनात थे। शनिवार को हुए आतंकी हमले में 8 जवान शहीद हुए थे। कुछ ही महीने पहले ही वह पिता बने थे। यासीन का दूसरा भाई भी सी.आर.पी.एफ . में अपनी सेवाएं दे रहा है। उससे पहले बारामुला में शहीद जवान मोहम्मद यासीन के घर पर जैसे ही उनका पार्थिव शरीर पहुंचा तो हजारों की संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। यासिन के परिवार के लोग शहादत पर गौरवान्वित थे, साथ ही स्थानीय लोगों में भी आतंक के खिलाफ गुस्सा साफ दिख रहा था। यासीन की बहन हनीफा ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारा भाई मुल्क की हिफाजत करते हुए शहीद हुआ।