आपको बता दें कि रविवार पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार लोगों को 57 हजार सात सौ रुपये की जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था. सोमवार को सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया था. प्रदेश में इतनी अधिक मात्रा में फेक करेंसी का खेप मिलने से हड़कंप मच गया है. मामले की गहनता से छानबीन के लिए आईबी की टीम ऊना पहुंच चुकी है.
डीएसपी सतिंद्र सिंह की अगुआई में पहुंची टीम ने यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आरोपित इतनी जाली करंसी लेकर चिंतपूर्णी क्यों पहुंचे थे. यहां पहुंचने के पीछे उनका क्या मकसद था. वहीं, पुलिस भी पांच दिन के रिमांड पर आरोपियों से यही सच जानने का प्रयास करेगी कि उन्होंने नकली नोट कहां पर बनाए और यह काम कब से कर रहे हैं. इस अवैध कार्य में उनके साथ क्या कोई और भी जुड़ा है.
पुलिस को शक है कि इन लोगों ने यहां पहुंचने से पहले भी कहीं नकली नोट चलाए होंगे. ऐसे में इन सवालों का जवाब पुलिस इन पांच दिन के रिमांड पर ढूंढना चाहेगी. उधर, स्थानीय थाना इंचार्ज जगवीर सिंह ने न्यायालय द्वारा पांच दिन का पुलिस रिमांड दिए जाने की पुष्टि की है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बगस्याड में फेक करेंसी के मामले में हरियाणा के युवकों को गिरफ्तार किया था. युवकों ने ये फेक करेंसी से मलाणा में चरस खरीदी थी. इसका खुलासा तब हुआ था जब 26 अप्रैल 2018 को एक आरोपी बैंक में 1.10 हजार रुपये के नकली नोट जमा करवाने बैंक पहुंचा था. इसके साथ ही मंडी शहर के एक व्यापारी को भी प्रिंटर समेत फेक करेंसी बनाने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था.
फेक करेंसी से जुड़ा मामला मार्च 2017 सामने आया था, इस मामले में शिमला पुलिस ने करीब 2 लाख 500 और 2000 की जाली नोट के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया था.
फेक करेंसी से जुड़ा मामला मार्च 2017 सामने आया था, इस मामले में शिमला पुलिस ने करीब 2 लाख 500 और 2000 की जाली नोट के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया था.