दिल्ली से आए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के प्रतिनिधि संजीव शर्मा से मिलने के लिए मैनिट की फैकल्टी को पांच घंटे इंतजार करना पड़ा। घंटों इंतजार के बाद शुक्रवार शाम करीब साढ़े 4 बजे शर्मा के सामने आते ही फैकल्टी का सभी ने अपना गुस्सा निकाला। उन्होंने डायरेक्टर प्रो.नरेंद्र सिंह रघुवंशी पर फैकल्टी की भर्ती में मनमर्जी और भारी गड़बड़ी करने के आरोप लगाए। उनका कहना था कि डायरेक्टर कभी मिलते ही नहीं। रास्ते में उनसे मिलो तो कहते हैं कोर्ट जाओ।
इसी कारण हम कोर्ट भी चले गए। इसके साथ ही डायरेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर वासुदेव देहलवार ने शर्मा को लिखित में आवेदन देते हुए अपनी जान का खतरा बताया। उन्होंने लेटर सीधे मंत्री को देने का आग्रह किया। शर्मा ने सभी फैकल्टी की बात सुनने के बाद पूरी बात मंत्री के सामने रखने की बात कही है। इससे पहले शुक्रवार को मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) पहुंचे संजीव शर्मा ने पहले सिर्फ लेक्चर दिया था। शर्मा एमएचआरडी के मिनिस्टर आफ स्टेट सत्यपाल सिंह के प्राइवेट सेक्रेटरी हैं। इसमें प्रभारी डायरेक्टर नमिता श्रीवास्तव के अलावा प्रशासनिक व्यवस्थाओं से जुड़े लोग मौजूद रहे। हालांकि फैकल्टी को इससे दूर रखा गया था।
फैकल्टी उनसे मिलने के लिए डायरेक्टर के रूम के बाहर इंतजार करती रही। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे लेक्चर देकर बाहर निकले शर्मा को फैकल्टी ने घेर लिया। वह उनसे मुलाकात का समय मांग रहे थे। शर्मा ने उन्हें बताया कि उन्हें दोपहर 12 बजे किसी से मुलाकात करना था, लेकिन अभी देरी हो गई है। वे दोपहर तीन बजे उनके साथ बैठकर बात करेंगे। उसके बाद शर्मा वहां से रवाना हो गए। उन्होंने डायरेक्टर प्रो.नरेंद्र सिंह रघुवंशी के बारे में किसी तरह की चर्चा होने से मना कर दिया। उन्होंने शाम साढ़े 4 बजे फैकल्टी से मुलाकात की।