केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में जिला पुलिस लाइंस पर फिदायीन हमला कई आतंकियों के मारे जाने के मद्देनजर आतंकियों द्वारा हताशा का कृत्य है। सी.आर.पी.एफ. के महानिरीक्षक (आई.जी.), ऑपरेशन कश्मीर क्षेत्र जुल्फिकार हसन ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की सफलता केवल बढ़ेगी और इस तरह के खतरों से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। पुलवामा में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हाल ही के दिनों दक्षिण कश्मीर में कुछ शीर्ष आतंकियों को मारा गया जिनमें सी.आर.पी.एफ. बटालियनों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। हम समझते हैं कि यह लोग (आतंकी) उनकी हताशा में सुरक्षाबलों पर हमला करने और नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। हम इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और आने वाले दिनों में हमारी सफलता बढ़ जाएगी।
हसन ने जिला पुलिस लाइंस पुलवामा जहां गत शनिवार को फिदानीय हमला हुआ था का दौरा किया। हमले में सी.आर.पी.एफ. के चार जवान और पुलिस के चार जवान शहीद हो गई थे जबकि सुरक्षाबलों ने 19 घंटों तक चली मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन विदेशी आतंकियों को मार गिराया। आई.जी. ने कहा कि हमले के दौरान सुरक्षाबलों ने चरम बहादुरी का प्रदर्शन किया। सी.आर.पी.एफ. की 182वें और 183वें बटालियनों ने जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ साझेदारी में चरम बहादुरी का प्रदर्शन किया। यह सुरक्षाबलों के परिवारों के लिए चुनौतीपूर्ण था। इसलिए, चरम बहादुरी के साथ सभी तीनहसन ने कहा कि घालयों में से तीन की हालत गंभीर थी और यदि जरुरत पड़ी तो विशेष उपचार के लिए उनको दिल्ली शिफ्ट किया जाएगा। हम आशा करते हैं कि उन सभी को अच्छे स्वास्थ्य में छुट्टी दी जाएगी। आतंकियों को मार गिराया गया और नागरिक परिवारों को बचाया गया।