Home हिमाचल प्रदेश पालन करे सरकार पेड़ कटान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का..

पालन करे सरकार पेड़ कटान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का..

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देश में पेड़ कटान पर सुप्रीम कोर्ट के पहले से जारी प्रतिबंध के आदेशों का सरकार अक्षरश: पालन करे। यह आदेश प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सूर्याकांत और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने सरकार को दिए।खंडपीठ ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि जब तक राज्य सरकार प्रदेश में सड़कों के निर्माण संबंधी सुप्रीम कोर्ट से अनुमति नहीं ले लेती, तब तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना की जाए।

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल में किसी भी निर्माण कार्य के लिए पेड़ों के कटान पर प्रतिबंध लगाए जाने के आदेश पारित किए हैं। गुरुवार को सलापड़ से तत्तापानी को सड़क से जोड़ने वाले मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने यह आदेश पारित किए हैं।इस मामले में अधीक्षक अभियंता मंडी ने कोर्ट को बताया था कि इस सड़क को चौड़ा करने के लिए 21 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना है, जिसके लिए केंद्र से स्वीकृति ली जानी बाकी है।

खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि इस बारे केंद्र से तुरंत संपर्क करे। इस सड़क का निर्माण कर रहे ठेकेदार ने हाईकोर्ट के समक्ष बयान दिया कि सड़क का निर्माण कार्य अगले छह महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।बताया कि अधीक्षक अभियंता मंडी ने शपथपत्र के माध्यम से न्यायालय को यह भी बताया कि नेरी गांव में 70 मीटर स्टील के पुल का निर्माण कार्य का काम ठेकेदार संजय कुमार शर्मा को दिया गया था और इस पुल के निर्माण कार्य पूरा करने के लिए उसने 15 सितंबर 2018 तक का समय मांगा था। लेकिन समय समय पर निर्देश दिए जाने के बावजूद भी उसने पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया।

हाईकोर्ट द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश न होने के कारण खंडपीठ ने संजय कुमार शर्मा को 50 हजार रुपये की कॉस्ट लगाईं और आदेश दिए कि राशि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड में चार सप्ताह के भीतर जमा करवाई जाए अन्यथा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।साथ ही आदेश दिए गए कि वह शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताए कि इस पुल का निर्माण कार्य कितने समय में पूरा किया जाएगा। मामले की आगामी सुनवाई 20 मई को निर्धारित की गई है। 

सलापड़ से तत्तापानी को जोड़ने वाली सड़क का काम 1980 में शुरू हुआ लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण स्थानीय लोग सड़क, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे।वर्तमान में सलापड़ से ततापानी के बीच की दूरी 150 किलोमीटर है जो की इस सड़क के निर्माण के बाद केवल 67 किलोमीटर रह जानी थी। लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण 32 वर्ष में केवल 16 किलोमीटर सड़क ही बन पाई। इसके बाद से लंबित कार्य को पूरा करने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई गई थी।

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