मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा मंडी में लोकसभा का चुनाव राष्ट्रवाद और परिवारवाद के बीच लड़ा जाएगा। नेतृत्व, नीति और नीयत के अभाव में कांग्रेस पार्टी पहले से ही बिखरी हुई थी और अब अवसरवादियों द्वारा आर्थिक संसाधनों के दम पर टिकट हथियाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है।
व्यक्तिवाद के समर्थक कुछ लोग एक हारी हुई लड़ाई लडऩे का प्रयास कर रहे हैं। सीएम बुधवार को सिराज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा करने का दायित्व भाजपा नेतृत्व ने उन्हें सौंपा है, उसे वह अपना सौभाग्य मानते हैं।
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार के लिए पंजाब और उत्तराखंड के दौरे पर जाएंगे। पहले चरण में वह 6 अप्रैल को पंजाब के कुराली में प्रत्याशी प्रो. प्रेम सिंह के समर्थन में सुखबीर बादल के साथ रैली करेंगे। 7 को उत्तराखंड के विकासनगर में प्रचार करेंगे। इसी शाम को जयराम पार्टी के हेलिकॉप्टर से भुंतर लौटेंगे।
हिमाचल में चूंकि आखिरी चरण में चुनाव है, इसलिए यहां चुनिंदा स्टार प्रचारकों को हेलिकॉप्टर सुविधा बाद में मिलेगी। मुख्यमंत्री भुंतर लौटने के बाद बंजार होते हुए कुल्लू जिला का दौरा करेंगे। इससे पहले 5 अप्रैल को अपने गृह जिला मंडी के गोहर और सुंदरनगर में होंगे।
सीएम ने कहा कि अब यह चुनाव किसी के व्यक्तिगत अह्म को संतुष्ट करने की वजाए मंडी की जनता के सम्मान और स्वाभिमान का चुनाव बन चुका है। सी वोटर आईएएनएस के सर्वे में लोकप्रियता के आधार पर हिमाचल प्रदेश को देशभर में श्रेष्ठ घोषित करना उनका व्यक्तिगत सम्मान नहीं बल्कि प्रदेश की जनता का सामूहिक रूप से सम्मान है और उसके लिए प्रदेश के साथ वह अपने विधानसभा क्षेत्र व मंडी की जनता के आभारी है जिसने विपरीत परिस्थितियों में भी हमेशा उनका साथ दिया है और एक वर्ष की छोटी से अवधि में हिमाचल प्रदेश ने केंद्र की लगातार आर्थिक सहायता के चलते प्रदेश में विकास की नई नींव रखी है।
सीएम जयराम ठाकुर ने मंडी में स्वयं मोरचा संभाल लिया है। अपने दो दिन के मंडी प्रवास के दौरान सीएम ने वीरवार को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अनिल समर्थकों के साथ गुप्त मीटिंग की। इसमें कई पंचायतों के प्रधान और अन्य ओहदेदार भी बताए जा रहे हैं। हालांकि मीटिंग को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था, लेकिन बताया जा रहा है कि दोपहर बाद शुरू हुई इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ने बाड़बंदी करने का काम किया। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अनिल समर्थकों को भाजपा में पूरा सम्मान देने का वादा किया।
भाजपा के जिलाध्यक्ष ने कुछ लोगों के साथ सीएम की मीटिंग होने की बात को स्वीकार किया है। लेकिन उन्होंने इसे रूटीन मीटिंग करार देते हुए इस बाबत कोई चर्चा करने से इनकार कर दिया। लेकिन माना जा रहा है कि यदि अनिल समर्थकों ने भाजपा का दामन नहीं छोड़ा तो मंडी हलके में भाजपा को सुखराम के जाने का कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
बेटे आश्रय के कांग्रेस में जाने से जहां अनिल शर्मा स्वयं दुविधा में हैं, वहीं उनके समर्थक भी यह फैसला नहीं कर पा रहे कि वे भाजपा में ही रहें या फिर कांग्रेस का झंडा उठाएं। अपना स्टैंड क्लीयर करने में अनिल शर्मा की ओर से हो रही देरी से उनके समर्थक भी असमंजस की स्थिति में हैं।
सीएम जयराम ठाकुर ने दोहराया है कि अनिल शर्मा स्वयं अपने विवेक से फैसला लें कि उन्हें अपने बेटे के लिए प्रचार करना है या फिर भाजपा के लिए। सीएम ने कहा कि हमारी उम्मीद है कि अनिल भाजपा के साथ बने रहेंगे और पार्टी हित में काम भी करेंगे।