मध्यप्रदेश में भले ही भाजपा अभी कई सीटों पर अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पाई हो, लेकिन प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी कार्यक्रम तैयार हो गया है। प्रदेश में चार चरणों में होने मतदान के दौरान मोदी 10 जनसभाएं करेंगे। वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह करीब डेढ़ दर्जन रोड शो करेंगे।
प्रदेश में 29 अप्रैल, 6, 12 और 19 19 मई को मतदान होगा। इसी के आधार पर प्रधानमंत्री की जनसभाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी की इंदौर में चार, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में तो जनसभाएं होनी ही हैं। इसके अलावा छह अन्य स्थानों पर भी विचार किया जा रहा है। जहां प्रधानमंत्री की जनसभाएं नहीं होंगी उनसे सटे संसदीय क्षेत्रों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो होंगे। पार्टी के अन्य स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम अलग से स्थानीय स्तर की मांग पर तैयार किए जाएंगे।
29 अप्रैल को सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा में मतदान होगा।6 मई को टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद, बैतूल में वोटिंग। 12 मई को मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ में होगा मतदान। 19 मई को देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा में होगी वोटिंग।
मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह तोमर ने पोहरी में भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन चुनाव लड़ने को लेकर नया बयान देकर चौंका दिया है। उन्होंने पोहरी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि मुझे भी पता नहीं है कि मैं मुरैना से चुनाव लड़ूंगा या नहीं। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं कहीं से भी चुनाव लडूं, पोहरी के कार्यकर्ताओं से संबंध हमेशा बने रहेंगे। मालूम हो कि लगातार कार्यकर्ताओं के बीच इस तरह की चर्चा है कि तोमर मुरैना सीट छोड़कर भोपाल से भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं। मालूम हो कि सबसे पहली सूची में भाजपा में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया था।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा है कि सुमित्रा महाजन ने चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर कर राजनीति में श्रेष्ठ आदर्शों की स्थापना की है। यह भाजपा के संस्कार हैं, जो एक पीढ़ी, दूसरी पीढ़ी को देती है। इस बात को कांग्रेस के उथले लोग कभी नहीं समझ सकते। क्योंकि उनके यहां तो कांग्रेस अध्यक्षों को धक्का देकर बाहर सड़क पर पटकने की परंपरा रही है। कांग्रेस के जो नेता अनावश्यक टिप्पणियां कर रहे हैं, उन्हें समझना होगा कि कांग्रेस के इतिहास में नेहरू खानदान की चापलूसी जिसने नहीं की, उस बुजुर्ग का अपमान किया गया