सीएम जयराम ठाकुर ने सुखराम परिवार पर सुखराम के ही सबसे मजबूत गढ़ कोटली के साईगलू में जमकर हमला बोला। गुरुवार को आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में सर्जिकल स्ट्राइक करने के अनिल शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम ने कहा ‘अनिल जी! आपके 30 प्रधान हमारे साथ हैं, ये है सर्जिकल स्ट्राइक।’ सीएम ने अनिल शर्मा को भाषा पर संयम रखने की हिदायत दी। कहा कि ऊर्जा मंत्री का पद कोई झुनझुना नहीं है।
यह विभाग पंडित सुखराम के कहने पर ही आपको दिया गया है। यही नहीं, जो अनिल शर्मा ने डेढ़ साल में मांगा वो दिया गया। लेकिन उनके बेटे को टिकट नहीं दे सके। क्योंकि दो नावों पर सवार होकर सुखराम टिकट मांगते रहे। आश्रय के लिए विधानसभा का टिकट मांगते तो विचार होता। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा के ससुर कांग्रेस पर्यवेक्षक राजीव गंभीर पर भी हमला बोला।
तंज करते हुए कहा कि ससुर जी पैसे से भी दामाद का भला नहीं होगा। इस अवसर पर आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, मंडी संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा, विधायक हीरालाल व प्रकाश राणा, भाजपा जिलाअध्यक्ष रणदेव व अन्य उपस्थित रहे।सीएम ने कहा कि काफी राज हमारे सीने में भी हैं, जो आप बोलते रहे हम सुनते रहे। अब ऐसा नहीं चलेगा। तंज कसते हुए कहा ‘मैंने कहीं कहा कि मेरा एक मंत्री गायब है, पता नहीं कहां है, जनता बोली – घास काट रहा है।’ सीएम बोले कि हमने अनिल को धर्म संकट में नहीं डाला, अनिल खुद धर्म संकट में हैं व हल भी खुद निकालें। परिवार से बड़ा राष्ट्रवाद है।
सीएम ने कहा कि दिल्ली में पंडित सुखराम अपने पोते आश्रय के साथ मेरे पास आए। मुझसे कहने लगे की लड़ाई अधूरी है और आपको टीम बढ़ानी चाहिए। साथ ही दोनों ने रामस्वरूप के लिए टिकट की पैरवी करने से मना किया। यह भी कहने लगे कि आपको मजबूत प्रत्याशी दिया जाएगा। फिर जब आश्रय शर्मा के लिए टिकट मांगा तो वे हैरान रह गए। उनसे दो टूक कहा कि टिकट का फैसला पार्टी का नेतृत्व करता है।
मुख्यमंत्री ने अनिल शर्मा को फिर से भाजपा के लिए प्रचार करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के सदस्य होने के चलते अपना नैतिक दायित्व निभाएं। लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम एक वरिष्ठ नेता हैं।
यह समझ लेना चाहिए कि अब उनका दौर गुजर चुका है। सुखराम कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में उनके कारण ही मंडी से भाजपा को ऐतिहासिक जीत प्राप्त हुई, लेकिन उनका भ्रम इस लोकसभा चुनाव में टूट जाएगा।