नामांकन के बाद पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा के लिए प्रचार करने आए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निशाने पर उनके दादा पंडित सुखराम रहे। रविवार को नाचन (मंडी, हिमाचल प्रदेश) के चैलचौक में जनसभा के दौरान वीरभद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को सुखराम और स्वर्गीय ठाकुर कर्म सिंह के गृह युद्ध से काफी नुकसान हुआ। कर्म सिंह ने पार्टी का साथ दिया लेकिन सुखराम ने हिविकां का गठन करके कांग्रेस से धोखा किया था। इसके लिए मैं सुखराम को कभी माफ नहीं कर सकता। हालांकि, वीरभद्र ने कहा कि यह बातें पुरानी हैं। नए हिमाचल के निर्माण के लिए मैं कांग्रेस पार्टी के लिए युवा पीढ़ी को सहयोग दूंगा
वीरभद्र सिंह ने कहा कि पूर्व मंत्री सिंघी राम उनके बनाए विधायक हैं और मंत्री थे। उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस को कोई झटका नहीं लगा है। सरकारी मंच पर मोदी के नाम की पुस्तक का विमोचन करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा मोदी और जयराम का नाम लेकर मंडी की जनता को गुमराह कर रही है।उन्होंने कहा कि जयराम नए-नए सीएम हैं, उनको सरकार चलाना नहीं आ रहा है। बता दें कि दादा सुखराम और पोते आश्रय शर्मा के कांग्रेस में आने से माना जा रहा था कि वीरभद्र सिंह खुश नहीं हैं। आश्रय को टिकट से पहले दिल्ली में वीरभद्र और सुखराम का गलबहियां करना और सोशल मीडिया पर फोटो डालने से लग रहा था कि सब कुछ ठीक है। लेकिन आश्रय के लिए प्रचार के पहले ही दिन वीरभद्र सिंह का पुराना दर्द छलक पड़ा।