चौकीदार चोर है’ वाले विवाद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में आज नया हलफनामा दाखिल दिया है. राहुल गांधी ने एक बार फिर अपने बयान पर खेद जताया है. राहुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर ऐसा कहने के लिए मुझे खेद है. इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को औपचारिक नोटिस भेजा है. मामले की सुनवाई कल होनी है.
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि चौकीदार कौन हैं? जिसके बारे में कहा जा रहा है. इसपर याचिकाकर्ता मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘’इनसे पुछिए (राहुल गांधी). ये देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली देते फिर रहे हैं.’’ इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को औपचारिक नोटिस भेजा है.
वहीं, राहुल गांधी की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमें औपचारिक नोटिस नहीं मिला है. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा तो अब कर दें?. सिंघवी ने कहा, ‘’हमने साफ लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट कभी ऐसी बात नहीं कह सकता. गलती इंसान से होती है. हम खेद जता रहे हैं.’’ सिंघवी ने कहा कि ये मामला बंद कर दिया जाना चाहिए. इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि हम राहुल गांधी को औपचारिक नोटिस जारी कर रहे हैं. राहुल गांधी की व्यक्तिगत पेशी पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बोला नहीं है.
अवमानना मामले में राहुल गांधी ने कल अपना जवाब दाखिल किया था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से रखने के लिए खेद जताया था. राहुल ने कहा था कि मेरे जिस बयान को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया है वो चुनाव प्रचार के गर्म माहौल में दिया गया था. मेरा इरादा सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के आदेश को गलत प्रस्तुत करने का नहीं था.
दरअसल राफेल डील मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर राहुल गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर कहा है. राहुल गांधी ने अमेठी संसदीय सीट पर अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये बयान दिया था. उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील को लेकर अपना फैसला दिया था.
इसके बाद वरिष्ठ वकील और बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ अवमनना याचिका दायर की थी.मीनाक्षी लेखी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने अपनी व्यक्तिगत टिप्पणियों को शीर्ष अदालत के मुंह में डाला है और इस तरह उन्होंने गलत धारणा पैदा करने का प्रयास किया है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते राहुल के इस बयान पर उनसे सफाई मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसी कोई टिप्पणी हमारी नहीं है.
10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए राफेल डील पर सरकार की आपत्तियां खारिज कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने कहा था कि जो कागज़ात अदालत में पेश किए गए वो मान्य हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की आपत्तियां खारिज करते हुए कहा कि लीक हुए दस्तावेज मान्य हैं और उसकी जांच की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राफेल से जुड़े जो कागजात आए हैं, वो सुनवाई का हिस्सा होंगे.केंद्र सरकार ने अवैध तरीके से हासिल गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका का विरोध किया था. दस्तावेजों पर सार्वजनिक चर्चा को सरकार के विशेषाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ बताया था