भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री प्रदेश में अवसरवाद की राजनीति का प्रतीक हैं। चाटुकारिता के दम पर राजनीति कर रहे अग्निहोत्री में पद पाने के लिए वरिष्ठ नेता को भी किनारे लगाने का अवसर नहीं गंवाया, जिनका हाथ पकड़ कर उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी। कांग्रेस विधायक दल का नेता बनने के लिए उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु वीरभद्र सिंह को साइडलाइन किया। यह बात सत्ती ने अनुराग ठाकुर के लिए जनसंपर्क करते हुए मंगलवार को देहला में कही।
सत्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कृपा से मुकेश ने विपक्ष के नेता का दर्जा हासिल किया, हालांकि इसके लिए उनके पास विधायकों की जरूरी संख्या भी नहीं थी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अग्निहोत्री की चाटुकारिता की राजनीति और झूठ की दुकान ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली है। कांग्रेस के नेता भी उनकी सच्चाई को जान गए हैं। यही कारण है कि उनके कारनामों को देखते हुए कोई भी कांग्रेस प्रत्याशी उन्हें अपने यहां चुनाव प्रचार में बुलाने के लिए तैयार नहीं है।
कांग्रेस संगठन में कोई पूछ न होने के कारण अब वह अखबारी नेता बने हुए हैं। आपराधिक और असमाजिक तत्वों को संरक्षण देने की उनकी नीति से पहले कांग्रेस सरकार गई थी और अब कांग्रेस पार्टी का बटांधार होना निश्चित है। कांग्रेस की हालत यह है कि आज उसके पास न नेता है न नियत और न ही कोई नीति है। कांग्रेस इन चुनावों में भाजपा से नहीं, बल्कि अपने आस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस नेता चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि एक-दूसरे को निपटाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस की लड़ाई सड़कों पर दिखेगी।