भोपाल में लोकसभा चुनाव भगवा रंग में रंगता जा रहा है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के समर्थन में मंगलवार को सैकड़ों साधुओं के साथ धूनी रमाने वाले कंप्यूटर बाबा ने बुधवार को दिग्विजय सिंह के समर्थन में रोड शो निकाला. कांग्रेस के पुराने दिग्गज दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के भगवा एजेंडे की काट के लिए कंप्यूटर बाबा का सहारा लिया है. कंप्यूटर बाबा कभी शिवराज सिंह के नाम की माला जपते थे, उनके राज में मान्यता प्राप्त मंत्री थे लेकिन अब दिग्विजय के साथ रोड शो कर रहे हैं. उन्हें जिताने की शपथ ले रहे हैं.
कांग्रेस को आरएसएस का कट्टर विरोधी माना जाता रहा है. उनके कई ऐसे बायन हैं जिस पर विवाद हुआ. बीजेपी के एक प्रवक्ता ने आजतक के एक शो में कहा कि इससे अच्छे दिन क्या आएंगे जब हिंदुत्व को पानी पीकर गाली देने वाले आज पूजन और हवन कर रहे हैं. भोपाल पर पैनी नजर रखने वाले राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि दिग्विजय सिंह दिखाना चाहते हैं कि वह भी हिंदुत्व के उतने ही बड़े समर्थक हैं जितना की प्रज्ञा ठाकुर. वह प्रज्ञा ठाकुर से आगे निकलने की होड़ में हैं.
हाल फिलहाल के राजनीतिक घटनाक्रम गवाह हैं कि भोपाल की चुनावी लड़ाई दिलचस्प दौर में पहुंच गई है, जहां भगवा के खिलाफ भगवा है. यह लड़ाई इतनी ज्यादा भगवा हो चुकी है कि दिग्विजय सिंह के रोड शो में सादा वर्दी में पुलिसकर्मी भी भगवा साफा पहनकर तैनात दिखे. दिग्विजय सिंह की जीत को अपना हठ बना चुके कंप्यूटर बाबा ने बुधवार को तमाम भगवाधारियों को जुटाकर रोड शो निकाला. करीब एक किलोमीटर लंबे इस रोड शो में भगवा ध्वज के साथ कांग्रेस के झंडे फहराते हुए दिखाई दिए और नर्मदा मैया और भारत माता की जय के नारे सुनाई देते रहे.
भीषण गर्मी के बीच रोड शो के दौरान पूरे समय दिग्विजय सिंह भी साधुओं के साथ पैदल चलते रहे. दिग्विजय सिंह के समर्थन में कंप्यूटर बाबा के रोड शो में अचानक कुछ ऐसा हुआ कि साधु टोली असहज महसूस करने लगी. जब रोड शो निकल रहा था तो चौक इलाके में सड़क किनारे खड़े कुछ लोग मोदी मोदी के नारे लगाने लगे. एक तरफ मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे तो दूसरी तरफ कंप्यूटर बाबा की अगुवाई में साधु संत खामोशी से रोड शो निकाल रहे थे. बाद में मोदी-मोदी का नारा लगाए जाने को लेकर कांग्रेस की शिकायत पर पुलिस ने 4 लोगों की पहचान की और केस दर्ज कर लिया.
दिग्विजय सिंह के रोड शो में एक और वाकया हुआ. जब रोड शो के दौरान भारी मात्रा में वर्दीधारी पुलिसवालों के साथ सिविल वर्दी में तैनात पुलिसकर्मियों की तस्वीरें सामने आईं. सिविल वर्दी में तैनात पुलिसकर्मियों को भगवा साफा पहनाया गया था जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं. जब कुछ महिला पुलिसकर्मियों से इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने हिचकते हुए कहा कि इसका आदेश ऊपर से आया था.
बाद में विवाद होने पर भोपाल के डीआईजी ने ये तो माना कि रोड शो की सुरक्षा में पुलिसकर्मियों को सिविल वर्दी में तैनात किया गया था लेकिन किसी भी पुलिसवाले ने भगवा साफा पहना था, ये उन्होंने नहीं माना. विवादों के बीच कंप्यूटर बाबा और साधुओं के संग रोड शो करने के बाद दिग्विजय सिंह ने राघोगढ़ में एक जनसभा को संबोधित किया और पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणियों की झड़ी लगा दी. उन्होंने कहा कि कालाधन वापस लाए क्या मोदी, केवल बाबा जी का ठुल्लू वापस लाए.
राघोगढ़ की रैली में पीएम मोदी पर जुबानी हमले को अंजाम देने के बाद दिग्विजय सिंह का अगला पड़ाव बना आगर-मालवा में स्थित सिद्धपीठ मां बगलामुखी मंदिर जो तंत्र साधना के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. कहते हैं कि महाभारत काल में पांडवों ने भी कौरवों पर जीत प्राप्त करने के लिए यहां पर शत्रु विजय यज्ञ किया था. इसी संकल्प के साथ बुधवार को दिग्विजय सिंह ने यहां यज्ञ-पूजन किया.
भोपाल में साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ जुटे साधु संतों के जमावड़े से कह सकते हैं कि भोपाल का कांग्रेसी भगवाकरण हो गया है. दिग्विजय सिंह भोपाल की सड़कों पर जनसंपर्क कर रहे हैं, तो प्रज्ञा ठाकुर भी उनसे पीछे नहीं हैं लेकिन दिग्विजय सिंह इस सिलसिले में कुछ आगे निकलते दिख रहे हैं क्योंकि उनके काफिले में शामिल सभी लोग भगवा गमछा लपेटे रहते हैं, जिससे भोपाल की जनता यह समझने में असमर्थ है कि कौन बीजेपी का कार्यकर्ता है और कौन कांग्रेस का.
उधर, साध्वी प्रज्ञा के समर्थन में बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी रोड शो किया. इस तरह बुधवार को भोपाल में अंतिम चरण के चुनाव प्रचार में भारी गहमा गहमी देखने को मिली. अमित शाह के साथ प्रज्ञा ठाकुर थीं. यह रोड शो भोपाल में बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन था. दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह के समर्थन में साधु-संतों के रोड शो ने एक अनोखा माहौल बना दिया.