नरेंद्र मोदी सरकार में हुए बड़े फेरबदल के बाद निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाया गया है. वह अभी तक वाणिज्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थीं. रक्षा जैसे अहम मंत्रालय संभालने जा रहीं निर्मला ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपने प्रमोशन का श्रेय ‘दैवीय कृपा’ और पार्टी नेतृत्व को दिया है. वह उन चार मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. सीतारमण को इंदिरा गांधी के बाद रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभालने वाली दूसरी महिला रक्षा मंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ है. वह अब सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति की सदस्य बनेंगी, जिसमें प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं.
शपथ ग्रहण करने के बाद निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोई ऐसा शख्स, जो छोटे शहर से आया हो, पार्टी नेतृत्व के समर्थन से आगे बढ़ा हो और यदि उसे ऐसी जिम्मेदारी दी जाती है, तो कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि कहीं न कहीं दैवीय कृपा तो है. वरना यह संभव नहीं होता.’
जब उनसे वाणिज्य मंत्री के तौर पर उनके कामकाज की विपक्ष द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, न तो मुझे आलोचनाओं से परहेज है और न ही मैं इससे डरती हैं. उन्होंने कहा, ‘हर आलोचना एक संदेश है और हमें उससे सीखना होता है. आलोचना वाकई आपके कामकाज को नुकसान नहीं पहुंचाती बल्कि, यदि आप ऐसे सुधारों, जो अमल करने लायक हों और उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार रहते हैं, तो आपका कामकाज बेहतर ही होता है.’
सीतारमण ने वाणिज्य मंत्रालय की ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’ जैसी कई पहलें भी गिनाईं. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री के सहयोग से मंत्रालय में ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’ जैसी कई चीजें हुईं. ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में कुछ गलतफहमियां हैं, लेकिन उसका जवाब दे दिया जाएगा.’