कहते हैं महाभारत के युद्ध में कौरवों के पास 11 अक्षौहिणी तथा पांडवों के पास 7 अक्षौहिणी सेना थी. इसी के साथ कौरवों के पास ज्यादा सैन्य बल और महारथी होने के बाद भी वे जीत नहीं सके. तो आइए जानते हैं दोनों ही पक्ष के महारथियों के नाम.
महाभारत के युद्ध में कौरवों की ओर से गांधार, मद्र, सिन्ध, काम्बोज, कलिंग, सिंहल, दरद, अभीषह, मागध, पिशाच, कोसल, प्रतीच्य, बाह्लिक, उदीच्य, अंश, पल्लव, सौराष्ट्र, अवन्ति, निषाद, शूरसेन, शिबि, वसति, पौरव, तुषार, चूचुपदेश, अशवक, पाण्डय, पुलिन्द, पारद, क्षुद्रक, प्राग्ज्योतिषपुर, मेकल, कुरुविन्द, त्रिपुरा, शल, अम्बष्ठ, कैतव, यवन, त्रिगर्त, सौविर और प्राच्य आदि जनपदों ने लड़ाई लड़ी थी.
कौरवों की ओर से लड़ाई लड़ने वाले महारथियों के नाम निम्न है- भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, मद्रनरेश शल्य, भूरिश्रवा, अलम्बुष, कृतवर्मा, कलिंगराज, श्रुतायुध, शकुनि, भगदत्त, जयद्रथ, विन्द-अनुविन्द, काम्बोजराज, सुदक्षिण, बृहद्वल, दुर्योधन व उसके 99 भाई. 99 भाइयों में विकर्ण और दुशासन प्रमुख थे. इसके अलावा श्रीकृष्ण की नारायशी सेना में हजारों महारथी थे.
कुरुक्षेत्र के युद्ध में पांडवों की ओर से पांचाल, चेदि, काशी, करुष, मत्स्य, केकय, सृंजय, दक्षार्ण, सोमक, कुन्ति, आनप्त, दाशेरक, प्रभद्रक, अनूपक, किरात, पटच्चर, तित्तिर, चोल, पाण्ड्य, अग्निवेश्य, हुण्ड, दानभारि, शबर, उद्भस, वत्स, पौण्ड्र, पिशाच, पुण्ड्र, कुण्डीविष, मारुत, धेनुक, तगंण और परतगंण आदि जनपदों ने लड़ाई लड़ी थी.
पांडवों की ओर से लड़ाई लड़ने वाले महारथियों के नाम निम्न है- भीम, नकुल, सहदेव, अर्जुन, युधिष्टर, द्रौपदी के पांचों पुत्र, युयुधान (सात्यिकी), उत्तमौजा (द्रौपदी का भाई), राजा विराट, राजा द्रुपद, धृष्टद्युम्न, अभिमन्यु, पाण्ड्यराज, घटोत्कच, शिखण्डी, युयुत्सु, कुन्तिभोज, उत्तमौजा, शैब्य या शैव्य, चेकितान और अनूपराज नील.
इसके अलावा काशी राज, धृष्टकेतु (शिशुपाल का पुत्र), पुरुजीत (कुंती का भाई), युद्धामन्यु (द्रौपदी का भाई), प्रतिविंध्य (युधिष्ठिर का पुत्र), सुतसोम (भीम का पुत्र), श्रुतकर्मा (अर्जुन का पुत्र), शतानीक (नकुल का पुत्र), श्रुतसोम (सहदेव का पुत्र) आदि